भैरव के 108 नाम द्वारा भैरव उपासना

By | August 6, 2018

कलियुग में भैरव बाबा की उपासना आपके सभी दुखों-कष्टों को दूर करने में फलदायी मानी गयी है | तंत्र शास्त्र में भी भैरव बाबा को प्रमुख माना गया है | यद्यपि सभी भैरव भक्त अपने-अपने श्राद्ध भाव द्वारा भैरव उपासना करते है और उन्हें प्रसन्न करने का यत्न करते है | लेकिन किसी भी देव आराधना में सबसे अधिक महत्व देव के प्रति आपके समर्पण भाव को माना गया है | यदि आपकी अपने देव के प्रति निष्ठा सच्ची है तो आप अपने देव से आशीर्वाद अवश्य प्राप्त करते है | भैरव उपासना(Bhairav Ke 108 Naam) में भी प्रथम कार्य आपको यही करना है कि उनके प्रति अपने समर्पण भाव को बनाये रखे |

भैरव बाबा के 12 स्वरुप है जिनमें से 8 स्वरुप को उग्र तथा शेष को सौम्य माना गया है | इसके अतरिक्त भैरव के 108 नाम लेकर भी आप उनकी आराधना कर सकते है | भैरव के 108 नाम का प्रतिदिन जप करने से घर से हर प्रकार का अनिष्ट दूर होने लगता है | ऐसे घर से नकारात्मक शक्तियाँ प्रभावहीन होने लगती है(Bhairav Ke 108 Naam) |

bhairav ke 108 naam

Bhairav Ke 108 Naam :- 

भैरव के 108 नाम : –

ॐ भैरवाय नमः 

ॐ भूतनाथाय नमः 

ॐ भूतात्मने नमः 

ॐ भूतभावनाय नमः 

ॐ क्षेत्रज्ञाय नमः 

ॐ क्षेत्रपालाय नमः 

ॐ क्षेत्रदाय नमः 

ॐ क्षेत्रियाय नमः 

ॐ विराजे नमः 

ॐ शमशानवासिने नमः 

ॐ मांसाशिने नमः 

ॐ खर्वराशिने नमः 

ॐ स्मरांतकाय नमः 

ॐ रक्तपाय नमः 

ॐ पानयाय नमः 

ॐ सिद्धाय नमः 

ॐ सिद्धिदाय नमः 

ॐ सिद्धिसेविताय नमः 

ॐ कंकालाय नमः 

ॐ कालशमनाय नमः 

ॐ कलाकाष्ठाय नमः 

ॐ तनये नमः 

ॐ शूलपाणये नमः 

ॐ खड़गपाणये नमः 

ॐ कपालिने नमः 

ॐ धूम्रलोचनाय नमः 

ॐ अभीरवे नमः 

ॐ भैरवीनाथाय नमः 

ॐ भूतपाय नमः 

ॐ योगिनीपतये नमः 

ॐ धनदाय नमः 

ॐ धनहारिणे नमः 

ॐ धनवते नमः 

ॐ प्रीतिवर्धनाय नमः 

ॐ नागहाराय नमः 

ॐ नागपाशाय नमः 

ॐ व्योमकेशाय नमः 

ॐ कपालभूते नमः 

ॐ कालाय नमः 

ॐ कपालमालिने नमः 

ॐ कमनीयाय नमः 

ॐ कलानिधये नमः 

ॐ त्रिलोचनाय नमः 

ॐ ज्वलन्नेत्राय नमः 

ॐ कविये नमः 

ॐ त्रिनेत्राय नमः 

ॐ बहुनेत्राय नमः 

ॐ पिंगललोचनाय नमः 

ॐ शान्ताय नमः 

ॐ शांतजनप्रियाय नमः 

ॐ बटुकाय नमः 

ॐ बटुवेशाय नमः 

ॐ खटवांगधारकाय नमः 

ॐ भूताध्यक्षाय नमः 

ॐ पशुपतये नमः 

ॐ भिक्षुकाय नमः 

ॐ परिचारकाय नमः 

ॐ धूर्ताय नमः 

ॐ दिगम्बराय नमः 

ॐ शूराय नमः 

ॐ हरिणे नमः 

ॐ पांडुलोचनाथ नमः 

ॐ प्रशांताय नमः 

ॐ बालाय नमः 

ॐ बालपराक्रमाय नमः 

ॐ सर्वपत्तारणाय नमः 

ॐ दुर्गाय नमः 

ॐ दुष्ट भूतनिषेविताय नमः 

ॐ त्रिशिखने नमः 

ॐ त्रिलोकषाय नमः 

ॐ त्रिनेत्रपाताय नमः 

ॐ डिंभाय नमः 

ॐ भूपतये नमः 

ॐ भूधरात्मज्ञाय नमः 

ॐ कंकालधारिणे नमः 

ॐ मुंडिन नमः 

ॐ नागयज्ञोपवीतवते नमः 

ॐ ज्रभ्भणाय नमः 

ॐ मोहनाय नमः 

ॐ स्तंभिने नमः 

ॐ मरणाय नमः 

ॐ क्षोभणाय नमः 

ॐ शुद्धनीलांजनप्रख्याय नमः 

ॐ दैत्यघ्न्ने नमः 

ॐ मुंडभूषिताय नमः 

ओ बलिभुजे नमः 

ॐ बालि भुडंग नाथाय नमः 

ॐ शांतिदाय नमः 

ॐ सिद्धाय नमः 

ॐ शंकरप्रियबांधवाय नमः 

ॐ अष्टमूर्तय नमः 

ॐ निधिशाय नमः 

ॐ कामिने नमः 

ॐ कलानिधये नमः 

ॐ कांताय नमः 

ॐ कामिनीवशक्रद्धशिने नमः 

ॐ सर्वसिद्धिप्रदाय नमः 

ॐ वैद्याय नमः 

ॐ प्रभवे नमः 

ॐ विष्णवे नमः 

ॐ ज्ञानचक्षुये नमः 

ॐ तपोमदाय नमः 

ॐ अष्टधाराय नमः 

ॐ षडाधाराय नमः 

ॐ सर्पयुक्ताय नमः 

ॐ शिखिसखाय नमः

ॐ भूधराय नमः 

ॐ भूधराधीशाय नमः 

सम्बंधित जानकारियाँ :- 

भैरव जी के उपरोक्त 108 नाम(Bhairav Ke 108 Naam) का पाठ आप माला द्वारा भी कर सकते है व बिना माला के भी | दोनों ही प्रकार से यह समान फल प्रदान करने वाला है | बाबा भैरव के उपरोक्त पाठ करने से पूर्व ध्यान लगाकर अपने कार्य सिद्धि हेतु अपनी अरदास लगाये, तत्पश्चात यह पाठ शुरू करें | बाबा भैरव की कृपा से आपका कार्य शीघ्र ही संपन्न होने लगेगा |