Category Archives: औषधियाँ – भस्म एवं रस

इच्छाभेदी रस के फायदे -गुण व उपयोग

इच्छाभेदी रस के पावरफुल आयुर्वेदिक औषधि है जो मुख्य रूप से कब्ज दूर करने हेतु प्रयोग में लायी जाती है | रोगी की इच्छानुसार पेट को शुद्ध करने वाला यह तेज विरेचन है | यह कफ और वात को दूर करता है तथा आँतों में संचित विकार(मल) को निकालता और शूल को नष्ट करता है | बहुत से… Read More »

अभ्रक भस्म क्या है ? अभ्रक भस्म के फायदे

अभ्रक एक हर्बो खनिज है जो कि भारत में मुख्यतः बिहार प्रान्त में कोयले की खानों से व राजस्थान के बड़े-बड़े पहाड़ो में मिलता है | आयुर्वेद के अनुसार अभ्रक के चार प्रकार होते है : पनाक , दुर्दूर , नागे व वज्राभ्रक | इन चारों प्रकार के अभ्रक के विषय में इस प्रकार से पता किया जा… Read More »

योगेन्द्र रस | योगेन्द्र रस के लाभ व विभिन्न रोगों में उपयोग

आधुनिक युग में शरीर को स्वस्थ रखना एक चिंता का विषय बन गया है | बच्चे-किशोर -व्यस्क भी आज भिन्न-भिन्न प्रकार की बिमारियों से ग्रसित हो रहे है | ऐसे में जहाँ आधुनिक चिकित्सा के माध्यम से उपचार में दुष्परिणाम देखने को मिलते है वहीँ आयुर्वेद एक सुरक्षित चिकित्सा पद्दति के रूप में रोगी को स्वस्थ बनाता है… Read More »

लौह भस्म के फायदे | लौह भस्म के लाभ

लौह भस्म आयरन का आक्साइड है | मुख्य रूप से लौह भस्म का प्रयोग एनीमिया की बीमारी दूर करने व पुराने बुखार और सांस लेने में दिक्कत इस प्रकार के रोगों के लिए यह प्रभावी औषधि है | लौह भस्म/Loha Bhasma ke Fayde के सेवन से शरीर को ताकत मिलती है | शरीर बलवान बनता है व शारीरिक… Read More »

वातचिंतामणि रस (बृहत) के फायदे/लाभ

वातचिंतामणि रस आयुर्वेद की एक प्रसिद्द औषधि है जिसका प्रयोग वात प्रकोप को शांत करने हेतु मुख्य रूप से किया जाता है | इस औषधि के प्रयोग से रोगी को अतिशीघ्र लाभ मिलता है | मुख्य रूप से वातचिंतामणि रस/Vatchintamani Ras ke Fayde का प्रयोग : लकवा, ह्रदय रोग, हिस्टीरिया व वात जन्य रोगों में किया जाता है… Read More »