Category Archives: औषधियाँ – भस्म एवं रस

मुक्ताशुक्ति पिष्टी व भस्म के लाभ व उपयोग

मुक्ताशुक्ति एक आयुर्वेदिक औषधि है जो मोती सीप के खोल द्वारा निर्मित की जाती है | बाजार में मुक्ताशुक्ति – भस्म और पिष्टी के रूप में मिलती है | वैसे तो मुक्ताशुक्ति भस्म और पिष्टी दोनों के गुण समान से प्रतीत होते है लेकिन उपयोग के आधार पर दोनों अलग-अलग प्रकृति रखते है | मुक्तिशुक्ति भस्म जहाँ स्वभाव… Read More »

स्वर्णमाक्षिक भस्म के लाभ व उपयोग

सोनामक्खी एक उपधातु है | इसमें बहुत अल्पांश में स्वर्ण होने तथा इसके गुणों में सोने के गुण कुछ अल्पता में होने और इसमें स्वर्ण जैसी कुछ चमक होने से इसको स्वर्ण माक्षिक कहते है | शास्त्रों के अनुसार स्वर्ण माक्षिक/Swarnmakshik Bhasma का उपधातु निश्चित होता है क्योंकि इसमें कुछ स्वर्ण के गुण और सहयोग होते है |… Read More »

पूर्णचंद्र रस | धातु रोग -स्वप्नदोष और बल वृद्धि में अचूक औषधि

पूर्णचंद्र रस आयुर्वेद का एक दुर्लभ योग है | इस औषधि के सेवन से धातु रोग निर्मूल हो जाता है | स्वप्नदोष में यह औषधि रामबाण का कार्य करती है | इसके अतिरिक्त जो लोग रात को ज्यादा पेशाब जाते है उनके लिए भी यह लाभकारी औषधि है | पूर्णचंद्र रस के सेवन से शरीर में नये खून… Read More »

नवजीवन रस – मुख्य घटक -लाभ – गुण और उपयोग

नवजीवन रस वास्तविक रूप में एक रोगी को नया जीवन प्रदान करने वाला है इस रस के प्रयोग से पाचक रस अधिक मात्रा में उत्पन्न होता है | अतः यह रस दीपक और आमरस को पचाने के कारण पाचक है | यह स्वस्थ शरीर में बल उत्पन्न करता है | ज्ञानवाही और चेष्टावाही नाड़ियों की शक्ति को बढ़ाता… Read More »

अर्शकुठार रस – गुण और उपयोग | बवासीर रोग में उपयोगी औषधि

अर्शकुठार रस आयुर्वेद की एक बहुत ही लाभकारी औषधि है | मुख्य रूप से यह औषधि बवासीर रोग में उपयोग की जाती है | इसके सेवन से रोगी को कब्ज नहीं रहती व पेट अच्छे से साफ़ होता है | मुख्य रूप से बवासीर दो प्रकार की होती है खुनी और बादी | खुनी बवासीर में मस्सो से… Read More »