Category Archives: ज्योतिष शास्त्र

कुंडली में राहु की महादशा के लक्षण और उपाय

ज्योतिष शास्त्र में राहु को छाया गृह माना गया है | राहु की महादशा और अन्तर्दशा में यह शनि गृह की अपेक्षा कहीं अधिक हानिकारक सिद्ध होता है | राहु एक पाप गृह है इस गृह की छाया मात्र से ही मनुष्य की बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है | ज्योतिष के अनुसार ऐसा माना जाता है कि हर… Read More »

शनि-राहु और केतु , तीनों दोषों को एक साथ दूर करने का उपाय

ज्योतिष के अनुसार शनि, राहु और केतु गृह जातक को अलग-अलग प्रकार से समयनुसार पीड़ित करते है | जब इन तीनों ग्रहों की दशा और महादशा होती है तो जातक बुरी तरह से समस्याओं से घिरने लगता है | रोगों से पीड़ित होने लगता है | व्यवसाय में हानि होने लगती है | शुत्र बनने लगते है |… Read More »

जन्मकुंडली में राहु के शुभ और अशुभ प्रभाव

राहु चन्द्र का पति है | अंग्रेजी में इसे Dragon’s Head यानि सांप के फन की संज्ञा दी है | ज्योतिष में इसे शनि का एजेंट भी कहा गया है | शनि एक लम्बा चौड़ा सांप है और राहु उसका फन है | इससे जाहिर होता है कि राहु दुष्ट छाया गृह है | राहु का रंग नीला… Read More »

जन्मकुंडली में सूर्य के शुभ और अशुभ फल कैसे जाने ?

अपनी उर्जा और प्रकाश से सूर्य चराचर जगत को पोषण देता है | सूर्य के आदिदेव विष्णु है | सूर्य हमेशा पूर्व से निकलकर पश्चिम में डूबता है | एक मार्ग से उसका भ्रमण दिखाई देता है | उसका गंतव्य अज्ञात है | वह न अपना मार्ग बदलता है और न कभी पीछे कदम हटाता है | सूर्य… Read More »

कैसे जाने, कुंडली में मंगल शुभ फल देने वाला है या अशुभ

मंगल गृह के विषय में यह विशेषता है कि यह या तो शुभ फल देने वाला होता है या फिर अशुभ फल देने वाला होता है | यह कभी भी मध्यम नहीं होता | इस गृह की शुभता या अशुभता दोनों ही पहले दर्जे की होती है | यदि मंगल की शुभ द्रष्टि रहती है तो अव्वल दर्जे… Read More »