Category Archives: ज्योतिष शास्त्र

इस प्रकार से चढ़ाये पीपल में जल, बनने लगेंगे सभी अटके कार्य

जीवन में सुख-दुःख समय-समय पर आते रहते है | ऐसा कोई मनुष्य नहीं जिसनें कभी जीवन में दुःख न देखे हो या फिर कभी परेशानियों का सामना न किया हो | कभी-कभी कुछ कार्य ऐसे होते है जो समय पर पूर्ण नहीं हो पते है या फिर कोई न कोई बाधा या अड़चन कार्य को पूरा नहीं होने… Read More »

कुंडली में राहु की महादशा के लक्षण और उपाय

ज्योतिष शास्त्र में राहु को छाया गृह माना गया है | राहु की महादशा और अन्तर्दशा में यह शनि गृह की अपेक्षा कहीं अधिक हानिकारक सिद्ध होता है | राहु एक पाप गृह है इस गृह की छाया मात्र से ही मनुष्य की बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है | ज्योतिष के अनुसार ऐसा माना जाता है कि हर… Read More »

शनि-राहु और केतु , तीनों दोषों को एक साथ दूर करने का उपाय

ज्योतिष के अनुसार शनि, राहु और केतु गृह जातक को अलग-अलग प्रकार से समयनुसार पीड़ित करते है | जब इन तीनों ग्रहों की दशा और महादशा होती है तो जातक बुरी तरह से समस्याओं से घिरने लगता है | रोगों से पीड़ित होने लगता है | व्यवसाय में हानि होने लगती है | शुत्र बनने लगते है |… Read More »

जन्मकुंडली में राहु के शुभ और अशुभ प्रभाव

राहु चन्द्र का पति है | अंग्रेजी में इसे Dragon’s Head यानि सांप के फन की संज्ञा दी है | ज्योतिष में इसे शनि का एजेंट भी कहा गया है | शनि एक लम्बा चौड़ा सांप है और राहु उसका फन है | इससे जाहिर होता है कि राहु दुष्ट छाया गृह है | राहु का रंग नीला… Read More »

जन्मकुंडली में सूर्य के शुभ और अशुभ फल कैसे जाने ?

अपनी उर्जा और प्रकाश से सूर्य चराचर जगत को पोषण देता है | सूर्य के आदिदेव विष्णु है | सूर्य हमेशा पूर्व से निकलकर पश्चिम में डूबता है | एक मार्ग से उसका भ्रमण दिखाई देता है | उसका गंतव्य अज्ञात है | वह न अपना मार्ग बदलता है और न कभी पीछे कदम हटाता है | सूर्य… Read More »