Category Archives: पूजा विधि

काल सर्प दोष निवारण हेतु Online अनुष्ठान

कुंडली में कालसर्प दोष के होने का मुख्य कारण पूर्वजन्म में किये गये पाप या फिर पित्र दोष होते है | कुंडली में जन्म लग्न चक्र में जब सभी गृह राहू और केतु के बीच में आ जाते है तो पूर्ण रूप से घातक कालसर्प दोष बनता है | इस प्रकार छाया गृह – राहू और केतु के… Read More »

हनुमान जी के सभी 12 नाम, जप विधि व लाभ

हनुमान जी के सभी 12 नामों में हर नाम का अपना ही एक अलग महत्व है | हनुमान जी के ये सभी नाम भक्त के सभी कष्टों को दूर करने वाले है | हनुमान जी अजर-अमर है और अतिशीघ्र अपने भक्तों पर क्रपा भी करते है | सभी देवों में हनुमान जी एक ऐसे देव है जो थोड़ी… Read More »

मंदिर में हनुमान जी मूर्ति को स्पर्श करना सही या गलत !

कलियुग के समय में सबसे अधिक पूजे जाने वाले देवों में से एक हनुमान जी है | जो भक्त सच्चे मन से हनुमान जी की भक्ति करते है वे सदैव सुखी जीवन व्यतीत करते है | अन्य देवों की तुलना में हनुमान जी की भक्ति करना थोड़ी कठिन है | क्योंकि उनकी भक्ति के कुछ नियम है जिनका… Read More »

देव की फोटो या मूर्ति को पूजा स्थल पर स्थापित करें या सिद्ध यंत्र को

हिन्दू धर्म में मूर्ति पूजा को महत्व दिया गया है | देव चाहे वह कोई भी हो उनकी एक छवि अवश्य होती है | देव या देवी की उसी छवि की फोटो या मूर्ति को पूजा स्थल पर रखकर पूजा या आराधना करने का प्रावधान है | बहुत से भक्तों के मन में यह दुविधा रहती है कि… Read More »

दुर्गा सप्तशती पाठ करने के चमत्कारी लाभ

दुर्गा सप्तशती पाठ जिसका मूल नाम देवीमाहात्म्यम् है | देवीमाहात्म्यम् एक धार्मिक ग्रंथ है जो माँ दुर्गा को समर्पित है | इसमें माँ दुर्गा महिषासुर नाम के असुर का संहार करती है | देवीमाहात्म्यम् जो मार्कण्डेय पुराण का भाग है | इसमें श्लोको की सख्यां 700 होने के कारण इसे दुर्गा सप्तशती के नाम से भी जाना गया… Read More »