सुंदर काण्ड पाठ करने की विधि

By | February 28, 2019

सुन्दरकाण्ड, तुलसीदास जी द्वारा रचित श्री रामचरित मानस का ही एक अध्याय है | जिसमें हनुमान जी की सफलता का वर्णन किया गया है | हनुमान जी को प्रसन्न करने के बहुत से उपाय है जिनमें सुंदरकाण्ड पाठ द्वारा उनका स्मरण करना सबसे अधिक प्रभावी माना गया है | ऐसा माना गया है कि जो लोग लगातार 41 सप्ताह तक हर मंगलवार के दिन सुंदरकाण्ड का विधिवत पाठ(Sunderkand Path Vidhi)  पूर्ण श्रद्धा के साथ करते है उनके बड़े से बड़े कार्य सिद्ध होते है व हनुमान जी से विशेष आशीर्वाद की प्राप्ति होती है |

सुंदरकाण्ड पाठ करने से जातक को मानसिक शांति मिलती है | घर से हर प्रकार की नकारात्मक उर्जा दूर होने लगती है | ऐसे व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ने लगता है | सुंदरकाण्ड पाठ स्वयं में अद्भुत शक्ति रखने वाला है जो जातक नियमित रूप से यह पाठ करता है वह हनुमान जी की कृपा से ऊपरी बाधाओं से पीड़ित रोगी को ठीक करने में सक्षम होने लगता है | किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने से पूर्व सुंदर काण्ड पाठ करना लाभकारी माना गया है |

संकट किसी भी प्रकार का हो चाहे वह ऊपरी बाधा से सम्बंधित हो या फिर असाध्य रोग से सम्बंधित, सुंदर काण्ड पाठ के नियमित प्रयोग से सभी संकट दूर होने लगते है | ऐसा जातक सभी प्रकार से सुख प्राप्त करता है व सदैव प्रसन्न रहता है | पारिवारिक कलह, रोग से मुक्ति, नकारात्मक शक्ति से छुटकारा, व्यवसाय में उन्नति सभी में सुंदरकाण्ड पाठ करने से लाभ मिलता है |

Sunderkand Path Vidhi :

sunderkand path vidhi

सुंदर काण्ड पाठ करने की विधि : –

सुंदर काण्ड पाठ को मंगलवार, शनिवार या फिर श्रावण मास में प्रतिदिन करना शुभ माना गया है | सुंदर काण्ड पाठ पूर्ण करने में लगभग 2 घंटे का समय लगता है इसलिए शांत बैठकर पूर्ण श्रद्धा के साथ सुंदर काण्ड का पाठ करना चाहिए | पाठ करते समय ध्यान भगवान श्री राम और हनुमान जी के चरणों में रखे | दो विधि से आप सुंदर काण्ड पाठ को कर सकते है : 1) सम्पूर्ण पूजा विधि : – इस विधि में सुंदर काण्ड पाठ करने से पूर्व सभी देवों का आव्हान किया जाता है | इस विधि को आप किसी जानकार पंडित के माध्यम से ही पूर्ण करा सकते है | 2.) सरल पूजा विधि : – सुंदर काण्ड पाठ करने की यह बहुत ही सरल विधि है आइये इस विधि के विषय में विस्तार से जानते है :

सुंदर काण्ड पाठ करने की सरल विधि : –

पूर्व दिशा में एक चौकी की स्थापना करें | चौकी पर लाल कपड़ा बिछाए | अब राम दरबार की फोटो या हनुमान जी की फोटो चौकी पर स्थापित करें | चौकी एक सामने आसन बिछाकर बैठ जाये | निम्न सामग्री को अपने पास रख ले : एक पात्र में जल , धुप , दीपक , पुष्प, चावल , मीठा(प्रसाद) , रोली और राम चरित मानस  | अब पहले घी का दीपक प्रज्वल्लित करें व धुप आदि लगाये | अब राम दरबार फोटो में सभी देवों को तिलक करें | रामचरित मानस को तिलक करें | अक्षत अर्पित करें | पुष्प अर्पित करें और मीठा अर्पित करें , जल के छीटें लगायें (Sunderkand Path Vidhi)|

अब दायें हाथ में थोडा जल लेकर इस प्रकार से संकल्प ले : – ॐ श्री विष्णु -ॐ श्री विष्णु – ॐ श्री विष्णु , हे परमपिता परमेश्वर मैं( अपना नाम बोले) गोत्र(अपना गोत्र बोले) अपने ——कार्य की सिद्धि हेतु सुंदर काण्ड पाठ करने का कार्य कर रहा हूँ मेरे कार्य में मुझे पूर्णता प्रदान करें,  ऐसा कहते हुए जल को नीचे जमीन पर छोड़ दे और बोले  – ॐ श्री विष्णु -ॐ श्री विष्णु – ॐ श्री विष्णु |

अब आप पहले गणेश जी के स्तुति मंत्र द्वारा उनका स्मरण करें | फिर अपने पित्र देव का स्मरण करें | अब आप तीन बार भगवान श्री राम का नाम ले | इसके बाद हनुमान जी के स्तुति मंत्र द्वारा हनुमान जी का स्मरण करें |

इतना करने के उपरान्त अब आप सुंदर काण्ड का पाठ आरम्भ कर सकते है | सुंदर काण्ड पाठ बिना अशुद्धि के लयबद्धता के साथ मध्यम स्वर में करना चाहिए | बीच-बीच में दोहे पूर्ण होने पर ” राम सिया राम सिया राम जय जय राम ” या मंगल भवन अमंगल हारी, द्रवहु सु दशरथ अजिर बिहारी || इस प्रकार से बीच- बीच में अधिक से अधिक भगवान श्री राम का स्मरण करना चाहिए | ध्यान दे जितना अधिक आप सुंदरकाण्ड के समय भगवान श्री राम का नाम लेंगे उतना ही अधिक लाभ मिलेगा | सुंदर काण्ड पाठ(Sunderkand Path Vidhi) पूर्ण होने पर हनुमान चालीसा और हनुमान जी व राम जी की आरती करें और प्रसाद ग्रहण करें व प्रसाद सभी में वितरित करें |