हनुमान चालीसा पाठ करने की विधि एवं लाभ

By | April 18, 2018

जब कभी भी किसी भक्त की निष्ठा की बात होती है तो हनुमान जी से बढ़कर और कोई नहीं | भगवान श्री राम के प्रति उनकी भक्ति सभी भक्तों के लिए प्रेरणा स्त्रोत है | हनुमान जी के जैसा भक्त न कोई हुआ है और न होगा | इसलिए भगवान श्री राम के आशीर्वाद से हनुमान जी को यह वरदान प्राप्त है कि उनकी आराधना करने वाले भक्त हनुमान जी के साथ-साथ भगवान श्री राम का भी आशीर्वाद स्वतः ही पा लेते है | हमारे शास्त्रों में हर समस्या का समाधान वर्णित है | हनुमान चालीसा के पाठ/(Hanuman Chalisa Path Karne Ki Vidhi) द्वारा हनुमान जी की आराधना करना भी इन शास्त्रीय उपायों में से एक है | गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित हनुमान चालीसा में वो सभी चमत्कारी शक्तियाँ  निहित है जो हमारे सभी संकटों को पल भर में दूर कर सकती है |

हनुमान चालीसा पाठ का महत्व  : –

बचपन में हनुमान जी अपनी क्रीडाओं द्वारा ऋषि-मुनियों को तंग किया करते थे जिससे तंग आकर ऋषि द्वारा उन्हें यह श्राप मिला कि वे अपनी शक्तियों को भूल जाया करेंगे और दूसरों के द्वारा स्मरण कराने पर ही उन्हें अपनी शक्तियों का अहसास होगा | सम्पूर्ण हनुमान चालीसा के पाठ में हनुमान जी की शक्तियों का वर्णन किया गया है | इस पाठ के माध्यम से ही हम हनुमान जी की आराधना करने के साथ-साथ उन्हें उनकी शक्तियों का भी स्मरण कराते है जिससे वे शीघ्र प्रसन्न होकर हमें फलीभूत करते है |

Hanuman Chalisa Path karne ki vidhi

हनुमान चालीसा पाठ करने की विधि :-

Hanuman Chalisa Path Karne Ki Vidhi :-

हनुमान चालीसा का पाठ प्रतिदिन करना चाहिए | इसलिए जितना शीघ्र हो सके आप इसे याद कर ले | सुबह का एक समय निश्चित कर प्रतिदिन उसी समय पर हनुमान चालीसा का पाठ करे | समय के चुनाव में ध्यान दे सुबह 6.15 am , 7.15 या 8.15 am इस प्रकार का समय चुने, व 6.45 am , 7.45 am ऐसे समय पर कोई भी पाठ-पूजा न करें |

हनुमान जी के ऐसे मंदिर जहाँ हनुमान जी को चौला चढ़ाया जाता हो, उस मंदिर में जाकर हनुमान जी के चरणों से थोड़ा सा सिन्दूर एक डिब्बी में घर ले आये अब डिब्बी में और सिन्दूर व थोडा चमेली का तेल मिलाकर रखे ले | रोजाना पूजा पर बैठते समय सबसे पहले हनुमान जी का ध्यान करते हुए इस सिन्दूर से स्वयं को तिलक करे |

लाल या पीले वस्त्र धारण कर लाल ऊनी आसन बिछाकर हनुमान जी की प्रतिमा के सामने बैठ जाये साथ में एक लौटे में जल और प्रसाद रूप में कुछ मीठा रखे | अब चमेली के तेल का दीपक प्रज्वल्लित करे | पानी के लौटे को हनुमान जी की प्रतिमा के सम्मुख रखकर आदरपूर्वक उन्हें ग्रहण करने को कहे | अब थोड़े मीठे को भोग स्वरुप उनकी प्रतिमा के आगे रखे |(Hanuman Chalisa Path Karne Ki Vidhi)

इस प्रकार करने के पश्चात् सबसे पहले हनुमान जी के स्तुति मंत्र द्वारा उनका स्मरण करें | अब भगवान श्री राम का स्मरण करते हुए इस दोहे का उच्चारण करें :

मंगल भवन अमंगल हारी
द्रवहु सुदसरथ अचर बिहारी
राम सिया राम सिया राम जय जय राम

भगवान श्री राम का स्मरण करने के उपरांत अब आप हनुमान चालीसा का पाठ करें | हनुमान चालीसा का पाठ कम से कम तीन बार अवश्य करना चाहिए | सप्ताह में एक दिन मंगलवार को आप इस पाठ को 7 बार करे तो अति उत्तम है | हनुमान चालीसा के प्रत्येक पाठ के बाद -” राम सिया राम सिया राम जय जय राम ” का जप करना चाहिए और फिर से पाठ शुरू करना चाहिए | इस प्रकार हनुमान चालीसा के पाठ के पश्चात् हनुमान जी आरती करें व दंडवत हनुमान जी प्रणाम करते हुए आसन छोड़ दे | लौटे के जल और मीठे को प्रसाद रूप में ग्रहण करें व लौटे में बचे शेष जल को पीपल अथवा तुलसी में डाल दे |

हनुमान चालीसा का पाठ मन ही मन न करके इसे बोलकर लयबद्धता के साथ करना चाहिए | पाठ करते समय ध्यान उच्चारण पर और हनुमान जी की प्रतिमा पर रखे | हनुमान चालीसा पाठ/(Hanuman Chalisa Path Karne Ki Vidhi) के उच्चारण में कोई त्रुटी न करें |

हनुमान जी की आराधना में ध्यान रखने योग्य :-

मांस, मदिरा और पराई स्त्री पर बुरी नजर रखने वाले व्यक्ति हनुमान जी की आराधना न ही करे यही उनके हित में है ऐसे व्यक्ति हनुमान जी की आराधना के नाम पर दिखावा करते है जिससे हनुमान जी का आशीर्वाद मिलना तो दूर, ऊपर से हनुमान जी द्वारा दण्डित भी होते है |

अन्य जानकारियाँ :-

हनुमान चालीसा पाठ से होने वाले लाभ :-

किसी भी घोर संकट से निकलने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करना फलदायी माना गया है | इसके अतिरिक्त मनोकामना पूर्ति हेतु व भविष्य को सुरक्षित बनाने हेतु भी हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता है | हनुमान चालीसा की बहुत सी चौपईयाँ मंत्रों के रूप में प्रयोग की जाती है जो कि रोगों में मुक्ति दिलाने, भूत-प्रेत बाधा दूर करने व भय आदि से छुटकारा दिलाने में सहायक सिद्ध होती है | यदि आप भी चाहते है हनुमान जी को प्रसन्न करना तो आज से ही हनुमान चालीसा का पाठ/(Hanuman Chalisa Path Karne Ki Vidhi) करना आरम्भ कर दीजिए |