सूर्य देव को जल देने की सही विधि | सूर्य को अर्ध्य इस प्रकार दे

By | January 5, 2019

हिन्दू धर्म में वैदिक काल से सूर्य देव की पूजा करने की परंपरा चली आ रही है | सूर्य पूजा में सूर्य को जल देना जिसे हम सूर्य को अर्ध्य देना भी कहते है सबसे महत्वपूर्ण है | इस धरा पर उर्जा के एकमात्र स्त्रोत सूर्य ही है | इस सृष्टि के सृजन में भी सूर्य का बहुत महत्व है | इसलिए सूर्य देव की पूजा आपको स्पष्ट रूप से फल प्रदान करने वाली है |

विष्णु पुराण, भगवत पुराण, ब्रह्मा वैवर्त पुराण आदि में इसकी चर्चा विस्‍तार से की गई है। भगवान सूर्य के उदय होते ही संपूर्ण जगत का अंधकार नष्ट हो जाता है और चारों ओर प्रकाश ही प्रकाश फैल जाता है। सृष्टि के महत्वपूर्ण आधार हैं सूर्य देवता। सूर्य की किरणों को आत्मसात करने से शरीर और मन स्फूर्तिवान होता है।

स्वास्थ्य संबधी समस्याएं होने पर या जीवन में किसी भी प्रकार की अन्य समस्या होने होने पर सूर्य पूजा से अवश्य ही लाभ प्राप्त होता है | शरीर से रोगों को दूर करने में सूर्य देव की आराधना एक सर्वोतम विकल्प है | अगर आप नियमित रूप से सूर्य देव को जल देते है है तो आप में नेतृत्व करने की क्षमता का विकास होता है |

शरीर बलवान, निरोग , हष्ट-पुष्ट , सकारात्मक सोच, तेज पराक्रम और उत्साह की वृद्धि होती है | सूर्य देव को पिता, स्वास्थ्य, राज्य और औषधि का कारक माना गया है | पिता की सेवा करने से पिता का आदर सम्मान करने से सूर्य देव स्वतः ही प्रसन्न होने लगते है |

surya ko jal dene ki vidhi

अगर आप सूर्य देव की आराधना द्वारा सूर्य देव को प्रसन्न कर लेते है तो आपके जीवन से हर बाधा दूर होने लगती है व जीवन में खुशियों का संचार होने लगता है | आइये जानते है किन-किन जातकों को सूर्य देव को जल देना चाहिए या उनकी उपासना करनी चाहिए : –

  • जिन लोगों की कुंडली में सूर्य देव कमजोर हो |
  • जिन लोगों में आत्मविश्वास की कमी हो उन्हें सूर्य को जल अवश्य देना चाहिए |
  • जो व्यक्ति एक निराशावादी जीवन जी रहा है उसे सूर्य देव की उपासना अवश्य करनी चाहिए |
  • जो जातक घर-परिवार में और समाज में मान-सम्मान चाहते है उन्हें भी सूर्य पूजा करनी चाहिए  |
  • Govt. में अच्छे पद के अभिलाषित छात्र भी सूर्य देव की उपासना अवश्य करें |

सूर्य देव की उपासना के प्रकार : –

सूर्य देव को प्रसन्न करने के बहुत से तरीके है जैसे : नवगृह मंदिर जाकर सूर्य देव की पूजा करना , पिता की सेवा करना व उनका सदैव आदर करना, मंत्र जप द्वारा  और सूर्य को जल देना जिसे हम सूर्य को अर्ध्य देना भी कहते है | सूर्य को अर्ध्य देकर उन्हें प्रसन्न करना बहुत आसान है | व प्रारंभ में आप सूर्य को जल देकर व पिता की सेवा करके सूर्य देव को प्रसन्न कर सकते है |

Surya Ko Jal Dene Ki Vidhi :-

सूर्य को जल देने की सही विधि : –

सूर्य उदय के एक घंटे तक ही सूर्य को जल देना चाहिए | सूर्य उदय के एक घंटे के अन्दर अर्ध्य देने से सूर्य देव प्रसन्न होते है | सुबह-सुबह से स्नान आदि से निवृत होकर किसी खुले स्थान में जाए जहाँ से सूर्य आपको स्पष्ट दिखाई देता हो | अब आप पूर्व दिशा की तरफ मुख करके खड़े हो जाये | एक ताम्बे के पात्र में जल भरकर इसमें थोड़े चावल , थोड़ी चीनी , पुष्प डाले व कुमकुम द्वारा जल में छीटे लगाये |

अब आप सूर्य देव के सामने खड़े होकर ताम्बे के पात्र द्वारा दोनों हाथों से जल नीचे जमीन पर छोड़ते जाये | ध्यान दे, ताम्बे के पात्र को अपने सीने के सामने रखे और सूर्य देव को जल अर्पित करते हुए पात्र को कंधो से ऊपर तक ले जाने का प्रयास करें | पात्र द्वारा नीचे गिरने वाली जलधारा में सूर्य के प्रतिबिम्ब को देखने का प्रयास करें |

सूर्य को जल देते समय निरंतर इस मंत्र के जप करते जाए : ” ॐ सूर्याय नमः ”  | सूर्य को जल देने के उपरान्त नीचे झुककर जल को स्पर्श करे और अंत में खड़े होकर हाथ जोड़ते हुए सूर्य देव को प्रणाम करें |

सूर्य को जल देते समय ये गल्तियाँ भूलकर भी न करें : –

  • बिना स्नान किये सूर्य को जल कभी न चढ़ाएं |
  • सूर्य को जल देते समय आपका मुख सूर्य की ओर ही होना चाहिए |
  • भूलकर भी पिता का अनादर न करें |
  • कभी बादल होने के कारण सूर्य देव नजर ने आये तो जल देते समय आपका मुख पूर्व दिशा की तरफ ही होना चाहिए |
  • सूर्य को जल देते समय जल पात्र को सिर से नीचे न रखे | जल पात्र को सिर से ऊपर ही रखे इससे सूर्य की किरणें सीधे आप पर पढ़ती है |
  • सूर्य को जल देते समय चांदी, शीशे , स्टील और प्लास्टिक के पात्र प्रयोग में न लाये | सूर्य को जल देते समय लोहे या ताम्बे के पात्र का प्रयोग करना चाहिए |

अन्य जानकारियाँ : – 

यदि आप समय के अभाव रहते प्रतिदिन सूर्य देव को जल देने के लिए समय नहीं निकाल पाते है तो कम से कम रविवार के दिन अवश्य ही उन्हें जल अर्पित करें | रविवार को सूर्य देव का दिन माना गया है | इस दिन सूर्य देव की आराधना करना विशेष रूप से फलदायी है |