चार मुखी रुद्राक्ष को ब्रह्मा जी का स्वरुप माना गया है | चार मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से माँ सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है | ज्योतिष की द्रष्टि से चार मुखी रुद्राक्ष को बुध गृह का कारक माना गया है | इसलिए जिस भी जातक की कुंडली के लग्न में बुध गृह हो उसे चार मुखी रुद्राक्ष(Char Mukhi Rudraksha Benefits in Hindi)को अवश्य ही धारण करना चाहिए | चार मुखी रुद्राक्ष जातक के मन को पवित्रता प्रदान करता है साथ ही उसे धर्म के पथ पर अग्रसर करता है | चार मुखी रुद्राक्ष धारण करने से जातक शिक्षा के क्षेत्र में उन्नति प्राप्त करता है |
Char Mukhi Rudraksha Benefits in Hindi
चार मुखी रुद्राक्ष धारण करने के लाभ : –
- चार मुखी रुद्राक्ष उन जातकों के लिए सबसे अधिक उपयोगी है जो अपने ज्ञान में वृद्धि करना चाहते है | बुद्धि को तीव्र बनाना चाहते है |
- चार मुखी रुद्राक्ष धारण करने से संतान संबंधी सुख प्राप्त होता है |
- कुंडली में बुध गृह कमजोर होने पर चार मुखी रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए |
- शरीर से रोगों को दूर करने में भी चार मुखी रुद्राक्ष को उपयोगी माना गया है |
- राशी के अनुसार चार मुखी रुद्राक्ष मिथुन राशी वाले जातकों के लिए शुभ माना गया है |
- शिक्षा की द्रष्टि से पढाई करने वाले बच्चों को चार मुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए |
- इस रुद्राक्ष को धारण करने से वाणी में मिठास के साथ-साथ दूसरों को प्रभावित करने की कला विकसित होती है |
- शिवमहापुराण के अनुसार इस रुद्राक्ष को लम्बे समय तक धारण कर भगवान शिव के बीज मंत्रो के जप करने से जीव हत्या के पाप से मुक्ति मिलती है |
- चार मुखी रुद्राक्ष धारण करने से मनोरोग – मस्तिष्क विकार – लकवा – त्वचा संबंधी रोग आदि में लाभ मिलता है(Char Mukhi Rudraksha Benefits in Hindi) |
चार मुखी रुद्राक्ष को अभिमंत्रित करने की विधि : –
सबसे पहले original चार मुखी रुद्राक्ष घर ले आये | सात दिन तक इसे सरसों के तेल में डुबोये रखे | अब सोमवार के दिन सुबह-सुबह पूजा स्थल पर बैठकर रुद्राक्ष को पहले पंचामृत( दूध-दही-घी-शहद-गंगाजल) से स्नान कराये | अब शुद्ध जल से स्नान कराये | अंत में गंगाजल से स्नान कराये | अब रुद्राक्ष को कुमकुम आदि से तिलक करें और लाल कपड़ा बिछाकर पूजा स्थल पर रख दे | अब अक्षत आदि अर्पित करें | पुष्प अर्पित करें |
अब हाथ में जल लेकर संकल्प ले : हे परमपिता परमेश्वर मैं ( अपना नाम बोले) इस रुद्राक्ष को भगवान भोलेनाथ के मन्त्रों से अभिमंत्रित कर रहा हूँ इसमें मुझे सफलता प्रदान करें | इसके बाद हाथ के जल को नीचे जमीन पर छोड़ दे | अब एक माला भगवान गणेश के मंत्र की जपे | इसके पश्चात् एक माला अपने गुरु देव की जपे | अब आप भगवान भोलेनाथ के इस मंत्र की अधिक से अधिक माला का जप करें | मंत्र इस प्रकार से है : – ऊँ ह्रीं नम: या ॐ नमः शिवाय |
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इसके पश्चात् रुद्राक्ष को दीपक की लौं के ऊपर से 21 बार भगवान भोलेनाथ का नाम लेते हुए वारे | अब भगवान शिव के मंदिर जाकर शिवलिंग की विधिवत पूजा करें और अंत में रुद्राक्ष को शिवलिंग से स्पर्श कराते हुए पूर्व दिशा की तरफ मुख करते हुए रुद्राक्ष को गले में धारण कर ले | यह रुद्राक्ष(Char Mukhi Rudraksha Benefits in Hindi)को अभिमंत्रित करने की बहुत ही सरल विधि है | इसे आप स्वयं प्रयोग करके इसका लाभ उठा सकते है | यदि आप स्वयं इसे अभिमंत्रित नहीं कर पाते है तो अल्टीमेट ज्ञान संस्थान द्वारा सिद्ध चार मुखी रुद्राक्ष आर्डर कर सकते है | संपर्क करने के लिए इस नो. पर फ़ोन करें : 9671528510