भगवान श्री गणेश जी सभी देवों में सबसे पहले पूजे जाते है | कोई भी शुभ कार्य करते समय भी सबसे पहले भगवान श्री गणेश जी को ही याद किया जाता है | भगवान श्री गणेश जी की आराधना करने के बहुत से तरीके है जिनमें से उनके स्तुति मंत्र द्वारा उनका स्मरण करना भी एक अच्छा उपाय है | सभी विघ्नों को हरने वाले व बुद्धि और यश को देने वाले भगवान श्री गणेश की आराधना सभी करते है(Ganesh Stuti) | भगवान श्री गणेश ही एकमात्र ऐसे देव है जिनका स्मरण हर पूजा अनुष्ठान आदि के समय सबसे पहले किया जाता है |
आप जिस भी देव की पूजा आदि करते है तो उनकी पूजा के समय सबसे पहले भगवान श्री गणेश जी का स्मरण करना न भूले | इससे आपको पूजा में सफलता प्राप्त होती है और किसी प्रकार का पूजा में विघ्न नहीं पड़ता | भगवान श्री गणेश जी के इस स्तुति मंत्र(Ganesh Stuti) द्वारा आप उनका स्मरण कर सकते है : –
Ganesh Stuti Mantra :
भगवान श्री गणेश स्तुति मंत्र : –
विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय, लम्बोदराय सकलाय जगद्धिताय!
नागाननाय श्रुतियज्ञविभूषिताय, गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते!!
भक्तार्तिनाशनपराय गनेशाश्वराय, सर्वेश्वराय शुभदाय सुरेश्वराय!
विद्याधराय विकटाय च वामनाय , भक्त प्रसन्नवरदाय नमो नमस्ते!!
नमस्ते ब्रह्मरूपाय विष्णुरूपाय ते नम:!
नमस्ते रुद्राय्रुपाय करिरुपाय ते नम:!!
विश्वरूपस्वरूपाय नमस्ते ब्रह्मचारणे!
भक्तप्रियाय देवाय नमस्तुभ्यं विनायक!!
लम्बोदर नमस्तुभ्यं सततं मोदकप्रिय!
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा!!
त्वां विघ्नशत्रुदलनेति च सुन्दरेति ,
भक्तप्रियेति सुखदेति फलप्रदेति!
विद्याप्रत्यघहरेति च ये स्तुवन्ति,
तेभ्यो गणेश वरदो भव नित्यमेव!!
गणेशपूजने कर्म यन्न्यूनमधिकं कृतम !
तेन सर्वेण सर्वात्मा प्रसन्नोSस्तु सदा मम !!
अगर आप समय के अभाव रहते उपरोक्त स्तुति मंत्र द्वारा गणेश जी की आराधना नहीं कर पाते है तो इस छोटे से मंत्र द्वारा उनकी आराधना कर सकते है :
ॐ गणानां त्वा गणपतिं हवामहे कविं कवीनामुपमश्रवस्तमम् ।
ज्येष्ठराजं ब्रह्मणाम् ब्रह्मणस्पत आ नः शृण्वन्नूतिभिःसीदसादनम्
ॐ महागणाधिपतये नमः ॥
उपरोक्त दोनों स्तुति(Ganesh Stuti) मन्त्रों में किसी भी एक या दोनों मंत्रो का प्रयोग गणेश जी की आराधना के समय कर सकते है | गणेश जी आपकी सभी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करें |