हीरक भस्म बनाने की विधि – लाभ एवं उपयोग

By | February 14, 2020

हीरक भस्म को ही हीरा भस्म व वज्र भस्म भी कहा गया है | हीरक भस्म एक शक्तिशाली आयुर्वेदिक औषधि है जिसका प्रयोग चिकित्सक असाध्य रोगों के उपचार में करते है | हीरक भस्म/Heerak Bhasma ke Fayde का प्रयोग शरीर और मष्तिष्क को बल देने में किया जाता है | हीरक भस्म का प्रयोग कैंसर जैसे भयानक रोग के उपचार में किया जाता है | हीरक भस्म एक दुर्लभ औषधि होने के कारण चिकित्सक इसका प्रयोग बड़ी ही सावधानी से करने की सलाह देते है |

उत्तम हीरे की पहचान कैसे करें : 

उत्तम हीरे को कसौटी पर जोर से देर तक घिसने अथवा किसी द्रढ़ पत्थर पर खूब घिसने पर बिल्कुल नहीं घिसता, बल्कि अपनी तेज नोंक से कसौटी, काँच आदि कठिन द्रव्यों को बड़ी आसानी से काट देता है |

Heerak Bhasma ke Fayde

हीरक भस्म बनाने की विधि (1 ) :

कुल्थी के क्वाथ में हींग और सेंधा नमक का चूर्ण मिलाकर रख ले, फिर इसके काढ़े में हीरे को उत्तम चिकने खरल में घोंटे | गोला बन जाने पर सराब सम्पुट में बन्द कर लघुपुट में फूंक दे | ऐसे 21 पुट देने से कुछ सुर्खी-मायल रंग की भस्म तैयार होगी | यदि सुर्खी न आवे तो एक खुला पुट देने से सुर्खी आ जाएगी |

हीरक भस्म बनाने की विधि (2) : –

शुद्ध हीरे का चूर्ण , रससिन्दूर , शुद्ध मैनशील और शुद्ध गंधक प्रत्येक समभाग लेकर एकत्र खरल में मर्दन कर सम्पुट में अच्छी तरह बन्द करके गजपुट में फूंक दे | इस तरह चौदह पुट में हीरे की भस्म अवश्य हो जाती है | रससिन्दूर प्रथम पुट में ही देना चाहिए |

मात्रा एवं अनुपात :

एक रत्ती उत्तम हीरा भस्म को एक उत्तम खरल में डालकर उसमें चार माशा उत्तम रससिन्दूर मिलाकर अच्छी तरह पीसकर रख ले | आवश्यकता पड़ने पर इसमें से 1 रत्ती तक की मात्रा में प्रयोग करें |

Heerak Bhasma ke Fayde :

हीरक भस्म के लाभ व उपयोग : –

हीरक भस्म रसायन और देह को द्रढ़ बनानेवाली पौष्टिक, बलदायक और कामोत्तेजक है | यह वर्ण को सुन्दर करने वाली , सुखदायक और रोगनाशक है | यह सारक, शीतल, कषैला, मधुर, नेत्रों को हितकारी और शरीर को शक्ति प्रदान करने वाली है |

हीरा भस्म/Heerak Bhasma ke Fayde नपुंसकता की अद्वितीय औषध है | यह वृष्य( उत्पादक अंगों को बल देने वाली) आयुवर्धक , नेत्र ज्योतिवर्धक, बलवर्धक, त्रिदोषनाशक और मेधावर्धक है |

हीरा भस्म रस सिन्दूर या मकरध्वज मिलाकर मलाई के साथ कुछ दिनों तक सेवन करने से भयंकर नपुंसकता नष्ट हो जाती है | राजयक्ष्मा में हीरा भस्म को स्वर्ण भस्म तथा रससिन्दूर के साथ मिलाकर सेवन करने से आश्चर्यजनक लाभ होता है |

  • वात -पित्त व कफ़ तीनों रोगों को शांत करने में हीरक भस्म का प्रयोग किया जाता है |
  • कैंसर रोग दूर करने में इस औषधि का उपयोग किया जाता है |
  • मस्तिष्क से तनाव दूर करने में यह औषधि उपयोगी है |
  • रसौली ठीक करने में इस औषधि का प्रयोग किया जाता है |
  • इस औषधि के प्रयोग से शरीर बलवान बनता है | और शरीर का  immune system मजबूत बनता है |
  • ह्रदय रोग दूर करने में भी इस औषधि का प्रयोग किया गया है |
  • मोटापा कम करने में , शरीर में खून बढ़ाने में भी इस औषधि का प्रयोग किया जाता है |

अन्य जानकारियाँ : 

किसी भी रोग के उपचार में किसी भस्म व औषधि का प्रयोग स्वयं से कदापि नहीं करना चाहिए | इसके लिए आप किसी अच्छे वैद्य से परामर्श अवश्य ले ले | हीरक भस्म/Heerak Bhasma ke Fayde के दुर्लभ औषधि होने से इसका प्रयोग बड़ी सावधानी से व चिकित्सक की देख-रेख में ही करना चाहिए | औषधि के सेवन से किसी भी प्रकार की समस्या होने पर तुरंत अपने चिकित्सक से इस विषय में बात अवश्य करनी चाहिए |