एक बार एक मुस्लिम व्यक्ति अपने गाँव में ही जमींदार के पास जाता है और कहता है कि वह अपनी जमीन बेचना चाहता है | इस पर गाँव के जमींदार ने कहा भाई आप आपनी जमीन क्यों बेचना चाहते हो कितने रूपये में बेचना चाहते हो | इस पर मुस्लिम व्यक्ति ने उत्तर दिया जमींदार साहब मैं अपनी जमीन आपको पचास हज़ार रूपये में बेचना चाहता है(Hindi Kahani)| मुझे पैसे की जरुरत है इसलिए मैं इस जमीन को बेचना चाहता हूं |
अब जमींदार कहता है, चलो ठीक है मैं आपकी जमीन खरीदने के लिए तैयार हूं, लेकिन पहली बात तो यह कि मैं आपकी जमीन पचास हज़ार में नहीं बल्कि 2 लाख रूपये में खरीदूंगा, क्योंकि आपकी जमीन की कीमत मुझे पता है कम से कम 2 लाख रूपये है | दूसरी बात यह है कि कम से कम आप मुझे जमीन बेचने के पीछे का कारण तो बताये | इस पर मुस्लिम व्यक्ति ने कहा अगले महीने मेरी बेटी का निकाह है | उसके निकाह के लिए मेरे पास पर्याप्त पैसे नहीं है इसी कारण से मैं अपनी जमीन को बेचना चाहता हूं |
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जमींदार ने उत्तर दिया : किसी की मजबूरी का फायदा उठाकर कम पैसे में किसी वस्तु को खरीदना बहुत बड़ा पाप है | और मुझे इस पाप का भागी नहीं बनना है | किसी की मजबूरी का फायदा उठाकर प्राप्त किया गया धन कभी भी बरकत नहीं देता अपितु नाश का कारण ही बनता है | इसलिए मैं भी आपकी 2 लाख की जमीन को सिर्फ 50 हजार रूपये में खरीदकर पाप नहीं कमाना चाहता हूं |
जमींदार ने कहा : मैं और गाँव वाले मिलकर तुम्हारी बेटी के निकाह के लिए सहयोग करेंगे, तुम्हारे पास जब भी पर्याप्त पैसे हो जाये तो हमें पैसे वापिस दे देना | और अगर फिर भी यदि तुम अपनी जमीन को बेचना ही चाहते हो तो मैं इसे इसकी उचित कीमत यानि 2 लाख रूपये में ही खरीदने के लिए तैयार हूं, जमींदार के मुख से ऐसा सुन मुस्लिम व्यक्ति की आँखों से आंसू निकल पड़े और कहने लगा जैसा आप उचित समझे जमींदार साहब |
तो दोस्तों, किसी की मजबूरी का फायदा उठाकर सस्ते पैसे में किसी वस्तु को प्राप्त करना व्यापार नहीं पाप है और ऐसा धन कभी भी आपको बरकत नहीं देता(Hindi Kahani) | आपको ये कहानी कैसी लगी हमें कमेंट्स के द्वारा share करें | और इसे अधिक से अधिक फेसबुक पर share करें |