विद्यार्थी पढाई में मन कैसे लगाये ? पढ़ाई में मन न लगने के कारण

By | June 18, 2020

एक व्यक्ति के सम्पूर्ण जीवनकाल का आधार उसका विद्यार्थी जीवन होता है | विद्यार्थी जीवन में आप जो सीखते है जो अपनाते है वह आपके जीवन का स्वर्णिम इतिहास हो सकता है जो आपको जीवन में एक सफल व्यक्ति बना सकता है | विद्यार्थी जीवन में असफल होने वाले व्यक्ति न केवल स्वयं का पतन करते है बल्कि वे अपने परिवार – समाज और देश के विकास में भी बाधा बनते है  | विद्यार्थी जीवन को सफल किस प्रकार से बनाया जाये ?, इस विषय में हम आपको जानकारी दे चुके है | आज हम ऐसे विषय पर चर्चा करने वाले है जो बहुत से विद्यार्थियों के लिए संघर्ष का विषय बना हुआ है | विद्यार्थी का पढाई में मन न लगना वैसे तो एक साधारण सा विषय है किन्तु इस समस्या का उपचार न होने पर विद्यार्थी पढाई से दूर होकर दिशाहीन हो सकते है |

विद्यार्थी का पढाई में मन न लगना , इसके पीछे ये कारण हो सकते है :

Padhai Me Man Kaise Lagaye :

Padhai Me Man Kaise Lagaye

Or, पढाई में मन लगाने के उपाय :

पारिवारिक वातावरण : –

परिवार के सदस्यों में अन-बन, लड़ाई-झगड़े न केवल परिवार की सुख-शांति को प्रभावित करते है बल्कि आपके बच्चों की पढाई में भी बाधा उत्पन्न करते है | ऐसे परिवारों में बहुत ही कम बच्चे ऐसे होते है जो ऐसे पारिवारिक वातावरण के साथ सामंजस्य बना लेते है और अपनी पढाई कर लेते है किन्तु अधिकतर बच्चों की पढाई के लिए यह एक गहन चिंता का विषय हो सकता है |

परिवार के मुखिया और सदस्यों को अपने बच्चों के भविष्य की चिंता करनी चाहिए और अपने बच्चों को पढाई के लिए शांत वातावरण उपलब्ध कराना चाहिए |

घर का बहुत छोटा होना : –

कुछ विद्यार्थियों के साथ इस प्रकार की समस्या भी होती है कि उनका घर बहुत छोटा होता है और परिवार के सदस्यों की संख्या अधिक, जिससे उन्हें पढाई के लिए एकांत वातावरण नहीं मिल पाता और उनकी पढाई बाधित होती है | ऐसी परिस्थति में विद्यार्थी को हताश नहीं होना है, यदि आपको भी ऐसा लगने लगा है कि पढाई करने के लिए आपको घर में शांत और एकांत वातावरण नहीं मिल रहा है तो इसके लिए आपको स्वयं ही तैयार होना है |

अपनी पढाई की दिनचर्या इस प्रकार बनाये जब परिवार के सदस्य घर पर न हो | सुबह जल्दी उठकर आप अपनी पढाई कर सकते है | आप एक बात को हमेशा ध्यान में रखना : आपके असफल होने के पीछे बहुत से कारण हो सकते है किन्तु सफल बनने के लिए एक कारण ही काफी होता है |

Subject या Topic को बिना समझे कंठस्त(याद) करना :-

शिक्षा केवल याद करने का विषय नहीं है जो आप शिक्षक की मार से बचने के लिए करते है | शिक्षा समझने का विषय है | यदि आप अर्थ सहित किसी टॉपिक को याद करते है, टॉपिक के विषय में गहन जानकारी प्राप्त करने के प्रयास करते है तो शिक्षा आपके लिए बोरिंग न होकर एक मजेदार विषय बन सकती है | जो बच्चे शिक्षक की मार से बचने के लिए व परीक्षा में पास होने के लिए टॉपिक के रट्टे लगाते है उनका कभी पढाई में मन लग ही नहीं सकता है |

ध्यान केन्द्रित करने में परेशानी : –

कुछ विद्यार्थियों की समस्या पढाई के समय ध्यान केन्द्रित करने से जुड़ी होती है | ऐसे विद्यार्थी पढ़ने तो बैठ जाते है किन्तु कुछ समय पश्चात् ही उनका ध्यान पढाई से हटकर किसी और वस्तु पर केन्द्रित हो जाता है | इस प्रकार ध्यान केन्द्रित करने की समस्या के पीछे मुख्य कारण : मन का चंचल होना, और इच्छाओं की पूर्ति न होना | जब विद्यार्थी किसी वस्तु और प्राप्त करना चाहता है और वह उसे नहीं मिल पाती, उस वस्तु के लिए उसकी इच्छा दिन-प्रतिदिन प्रबल होती जाती है और आगे चलकर पढ़ते समय ध्यान केन्द्रित करने में बाधा बनती है |

यदि बच्चे इस इच्छा पूर्ण करने योग्य है तो माता-पिता को अवश्य ही उसे पूरा करना चाहिए | यदि बच्चे की इच्छा गलत वस्तु की तरफ है तो उसे अच्छे से मार्गदर्शन कर पढाई के लिए प्रेरित करें |

कुछ बच्चों को खेल-कूद इतना पसंद होता है कि वे हर समय खेलना और खेलना ही पसंद करते है | पढाई के समय भी उनका ध्यान खेल की तरफ ही होता है | ऐसे बच्चों को उचित मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है | उन्हें शिक्षा का महत्व समझाना अति आवश्यक है | ऐसे बच्चों को खेलने से रोके नहीं अपितु उनकी ऐसी दिनचर्या बनाये जिसमें उनके खेलने का और पढने का उचित समय हो | ऐसे बच्चों को समझाना चाहिए कि समय पर खेलना और समय पर पढाई करना आपके विकास के लिए आवश्यक है |

संक्षेप में : 

विद्यार्थी को पढ़ने के लिए एकांत और शांत वातावरण उपलब्ध कराए | समय-समय यह सुनिश्चित करते रहे है कि आपका बच्चा ठीक से पढ़ रहा है कि नहीं | पढाई में मन न लगने पर अपने बच्चों के सहपाठी या उनके भाई-बहन को साथ में पढने बैठाये | बच्चे की दिनचर्या ऐसे बनाये जिसमें पढने के साथ-साथ खेल-कूद के लिए भी समय हो | बच्चे को सुबह पढने की आदत डाले | जो बच्चा सुबह उठकर पढ़ना सीख जायेगा, उसको ध्यान केन्द्रित करने में कभी परेशानी अनुभव नहीं होगी | बच्चे को शिक्षा के महत्व के विषय में समय-समय पर अवश्य अवगत कराते रहे |