अपने कुलदेव और कुलदेवी को भूल गये है तो इस प्रकार कुलदेव और कुलदेवी को पहचाने

By | August 24, 2018

आज हमारी भारतीय सभ्यता ने पाश्चात्य सभ्यता को इस हद तक अपना लिया है कि लोग अपने कुलदेव और कुलदेवी को ही भूलने लगे है | इसका मुख्य कारण अपने परिवार जन से लम्बे समय तक अलग रहना या विदेश में निवास स्थान बना लेना हो सकता है | जब हमें अपने कुलदेव और कुलदेवी(Kuldev Kuldevi) के विषय में जानकारी ही नहीं होगी तो संभव है कि उन्हें समय-समय पर पूजा और भोग आदि भी अर्पित नहीं होगा जिससे हमारे परिवार पर उनकी कृपा हटने लगेगी |

कुलदेव और कुलदेवी समय-समय पर परिवार की रक्षा करते है | उन्हें नकारात्मक शक्तियों के प्रभाव से दूर रखते है | उनके वंश को आगे बढ़ाने में उनकी सहायता करते है | यदि किसी परिवार के कुलदेव और कुलदेवी उन पर प्रसन्न नहीं होंगे तो उस परिवार में विवाह संबंधी समस्या, पुत्र संबंधी समस्या या ऊपरी बाधाएं अपना प्रभाव दिखा सकती है |

kuldev kuldevi ko kaise jane

Kuldev Kuldevi

कुलदेव और कुलदेवी को भूल जाने पर इस प्रकार करें : –

आप जिस भी देव की नित्य पूजा करते है या फिर जिस भी देव के प्रति आपका समर्पण भाव सबसे अधिक है जो देव आपको सबसे प्रिय लगता है | उस देव के मंदिर जाए | साथ में एक सूखा नारियल (जिसे हिलाने पर आवाज आती हो), नारियल पर 7 बार मौली(लाल धागा) लपेट ले | और साथ में 11 रूपये ले ले | इस सामग्री के साथ अपने प्रिय देव के मंदिर जाकर नारियल को हाथ में लेकर देव के समक्ष खड़े होकर इस प्रकार अरदास लगाये  : –

” हे परमपिता परमेश्वर मैं(अपना नाम बोले) गोत्र (अपना गोत्र बोले) अपने परिवार के लिए यह अरदास अपने प्रिय देव( देव का नाम बोले) के समक्ष लगा रहा हूँ | मैं और मेरा परिवार अपने कुलदेव को भूल चुके है इसलिए आज से, हे परमपिता परमेश्वर मैं और मेरे परिवार की तरफ से  अपने प्रिय देव( देव का नाम बोले) को अपना कुलदेव मानना चाहता है इसमें मुझे सफलता प्रदान करें | ऐसा कहते हुए उस नारियल और 11 रूपये को अपने प्रिय देव के चरणों में अर्पित कर दे(Kuldev Kuldevi) |

अब आप इसी प्रकार से जिस भी देवी के समक्ष अधिक श्रद्धा भाव रखते है उनके मंदिर जाए साथ में एक पानी वाला नारियल और इस पर 7 बार मौली लपेट ले व साथ में 11 रूपये ले जाए | व उपरोक्त विधि के अनुसार ही परमपिता परमेश्वर से देवी को कुलदेवी के रूप में स्वीकार करने की अर्जी लगाये | और अंत में नारियल को देवी के चरणों में अर्पित कर दे |

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इस प्रकार आज से आपने अपने प्रिय देव और देवी को स्वयं और अपने परिवार की ओर से कुलदेव और कुलदेवी(Kuldev Kuldevi) स्वीकार कर लिया है | ध्यान दे : समय-समय पर उनकी पूजा आराधना अवश्य करते रहे व उन्हें भोग आदि अर्पित करते रहे |