सावन मास(सोमवार) और शिवरात्रि के दिन विशेष शिवलिंग पूजा

By | July 13, 2019

हिन्दू धरम में सावन मास अति पवित्र माना गया है | यह सावन मास विशेष रूप से भगवान शिव को समर्पित है | सावन मास में भगवान शिव की उपासना करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है | वर्ष 2024 में सावन मास का प्रारंभ 22 जुलाई से होने जा रहा है और यह 19 अगस्त तक रहेगा|

इस प्रकार इस सावन में कुल 5 सोमवार आने वाले है | ये सोमवार क्रमशः 22 जुलाई – 29 जुलाई – 05 अगस्त  और 12 अगस्त व 19 अगस्त | यूँ तो सम्पूर्ण सावन मास भगवान शिव की पूजा(Sawan Me Shiv Puja) आराधना के लिए समर्पित है किन्तु सावन मास में आने वाले सोमवार और शिवरात्रि के दिन शिव पूजा का महत्व कई गुना बढ़ जाता है | ऐसी मान्यता है कि सावन मास में सोमवार को व्रत रखने से मनचाहा जीवनसाथी मिलता है और साथ ही भगवान शिव से विशेष आशीर्वाद की प्राप्ति होती है |

Sawan Me Shiv Puja

शिवरात्रि 2024 : –

इस वर्ष सावन मास में शिवरात्रि पर्व 2 अगस्त को होने वाला है | शिवरात्रि के इस पावन अवसर पर शिवालय में  शिवलिंग को कावड़ द्वारा गंगाजल चढ़ाया जाता है | उत्तर भारत में हरियाणा-दिल्ली -राजस्थान -पंजाब और उत्तरप्रदेश से भक्तजन शिवरात्रि से कुछ दिन पहले ही हरिद्वार में पहुँच जाते है | वहां से वे शिवरात्रि से कुछ दिन पहले ही अपनी कावड़ में गंगाजल भरकर अपने-अपने स्थान की ओर पैदल निकल पड़ते है | शिवरात्रि की सुबह इस कावड़ के गंगाजल को विधि अनुसार शिवलिंग पर अर्पित किये जाने की परंपरा है |

शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है | भगवान शिव आराधना में भक्तजन अपनी-अपनी श्रद्धा अनुसार अलग-अलग प्रकार से पूजा करते है | शिवरात्रि पर्व पर : व्रत रखने , शिवलिंग को दूध चढ़ाने , शिवलिंग रुद्राभिषेक , शिवलिंग को गंगाजल चढ़ाने , शिव कावड़ चढ़ाने और विशेष प्रकार के मंत्र जप व साधना करने की परम्परा है | शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा चाहे किसी भी रूप में की जाये वह पूर्ण फल प्रदान करने वाली है किन्तु इस दिन शिवलिंग को जल अर्पित करना सबसे विशेष माना गया है |

सावन मास में सोमवार व शिवरात्रि के दिन विशेष शिवलिंग पूजा : –

Sawan Me Shiv Puja :

सम्पूर्ण सावन मास भगवान शिव पूजा के लिए समर्पित है | इसलिए सावन मास में किसी विशेष दिन इन्तजार न करके प्रतिदिन शिवलिंग पूजा करनी चाहिए | किन्तु समय के अभाव रहते जो भक्त प्रतिदिन समय नहीं दे पाते है तो सावन मास में सोमवार और शिवरात्रि का दिन शिवलिंग पूजा करना उनके लिए उपयुक्त है | आइये जानते है किस प्रकार से आप सावन मास में विशेष शिवलिंग पूजा(Sawan Me Shiv Puja) कर सकते है : –

सोमवार के दिन आप सुबह- सुबह  नहाकर भगवान शिव के मंदिर जाये | आप अपने साथ इस प्रकार पूजा की सामग्री की व्यवस्था करके जाये : थोडा शहद , दूध , दही, घी, शक्कर , बिल्व पत्र ,चावल,रोली(कुमकुम),मोली((लाल धागा), फल और फूल , जल और  दूप – दीप सामग्री  | इस सामग्री के साथ आप भगवान भोलेनाथ के समक्ष जाकर सबसे पहले धुप व घी का दीपक जलाये तत्पश्चात शिवलिंग/Shivling के साथ – साथ पूरे शिव परिवार को जल से स्नान कराये |

जल से स्नान कराने के पश्चात् दूध से स्नान कराए, दूध से स्नान कराने के पश्चात् फिर से शुद्ध जल से स्नान कराये | अब दही से स्नान कराये, इसके लिए आप थोडा – थोडा दही हाथ में लेकर शिवलिंग/Shivling के साथ – साथ पूरे शिव परिवार को हाथ से दही लगा  दे और इसके बाद फिर से शुद्ध जल से स्नान कराये | अब आप घी से स्नान कराये( घी को भी दही की भांति हाथ से लगा देना है ) और फिर जल से स्नान कराए |  अब आप शक्कर से स्नान कराये (शक्कर को भी दही व घी की भांति हाथ से मल दे ) और इसके बाद फिर से शुद्ध जल से स्नान कराये | अब आप शहद से स्नान कराये और फिर शुद्ध जल से स्नान कराए |

अब आप 3 से 4 लीटर शुद्ध जल में दूध , दही,घी,शक्कर व शहद को थोड़ी -थोड़ी मात्रा में सारे जल में मिला ले और इस जल में कुमकुम का छीटा लगा ले | अब इस जल को आप शिवलिंग पर धार बनाकर डालते जाये धीरे -धीरे इस सारे जल से आप शिवलिंग को स्नान करा दे | ध्यान दे जल धारा बीच में न टूटे, इसके साथ ही आप लगातार  “ॐ नमः शिवाय ” मंत्र का जाप करते रहे |

इस प्रकार करने के पश्चात् आप अब शिवलिंग/Shivling को शिव परिवार सहित वस्त्र उपवस्त्र अर्पित करें – इसके लिए आप मोली ( लाल धागे) को छोटे छोटे टुकड़ों में तोड़कर सारे शिव परिवार को अर्पित करें | अब आप रोली(कुमकुम) से सभी को तिलक करें ध्यान दे शिवलिंग को आप बीच की तीन उँगलियों से एक साथ कुमकुम द्वारा सीधी रेखा में तिलक करें खड़ी रेखा में तिलक बिलकुल न करें | अब आप सभी को चावल अर्पित करें और बिल्व पत्र अर्पित करें | यह सब करने के पश्चात् अब आप अपनी इच्छा अनुसार जो भी फल और फूल लेकर गये है अब आप  उन्हें अर्पित करें और कुछ दक्षिणा भी रखे |

अन्य जानकारियाँ : – 

अब आप शिव परिवार की अर्ध परिक्रमा करें ( अर्ध परिक्रमा इसलिए, क्योंकि शिवलिंग/Shivling पर चढ़ाया  जाने वाला जल जिस नाली द्वारा बाहर जाता है उसे कभी भी ऊपर से पार न करें वही से वापिस हो जाना चाहिये ) | अब आप मंदिर से आते समय दान पत्र में अवश्य कुछ राशी जरुर डाले |

आप इस प्रकार विधि अनुसार भगवान शिव की पूजा(Sawan Me Shiv Puja) करते है तो भोलेनाथ अति प्रसन्न होकर आपके सभी दुखों को हर लेते है ||