|| पूजा स्थान पर गणेश जी की स्थापना ||
भगवान श्री गणेश जी का नाम सभी देवों में सबसे पहले लिया जाता है | आप कोई भी शुभ कार्य करते है या फिर कोई भी अनुष्ठान करते है या घर पर किसी भी देव की पूजा रखते है, भगवान श्री गणेश जी की पूजा सबसे पहले की जाती है | हमारे हिन्दू धरम के अनुसार बिना गणेश जी की पूजा किये , किया गया कोई भी धार्मिक कार्य व्यर्थ है |
भगवान श्री गणेश जी को विनायक , विघ्नेश्वर , गणपति , लंबोदर के नाम से भी जाना जाता है | शिवपुराण के अनुसार भगवान श्री गणेश का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को हुआ था इसीलिए इस दिन पूरे भारत वर्ष में गणेश उत्सव बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है | गणेश चतुर्थी के दिन सभी भक्तजन गणेश जी की प्रतिमा को घर पर स्थापित करते है और लगातार 10 दिनों तक गणेश जी की विशेष पूजा कर इस गणेश उत्सव को मनाया जाता है |
गणेश चतुर्थी पर तो हर भक्त गणेश जी की स्थापना करता है किन्तु आज हम आपको हमेशा के लिए गणेश जी की स्थापना अपने पूजा स्थल में कैसे करें इसके विषय में जानकारी देने वाले है | सभी भक्तजन अपने पूजा स्थल पर सभी देवों की स्थापना के साथ -साथ गणेश जी की भी फोटो लगाते होंगे | इसके अतिरिक्त आप इस प्रकार से गणेश जी स्थापना अवश्य कर ले : –
पूजास्थल पर गणेश जी की स्थापना :-
आप एक सख्त मिटटी की डली ले ले, अब इस पर नाल (लाल धागे को लपेट ले ) लगभग सारी डली पर लाल धागे को लपेट ले और अब इसे कुमकुम से तिलक कर एक कटोरी में थोड़े अक्षत( चावल ) लेकर इस कटोरी में स्थापित कर दे | अब आप इस कटोरी को अपने पूजा स्थल पर स्थापित कर दे | यदि मिट्टी की डली उपलब्ध नही हो पाती है तो आप पूजा में प्रयोग आने वाली सुपारी को भी प्रयोग कर सकते है | इस प्रकार से गणेश जी स्थापना आपके पूजा के स्थान पर हो जाती है | ⇒ || महाकाली शाबर मंत्र सिद्धि ||
इसके अतिरिक्त आप अपने पूजा स्थल पर एक छोटे से ताम्बे के पत्र में जल की स्थापना भी अवश्य करें | इस जल को आप प्रतिदिन तुलसी या पीपल के पेड़ या आस -पास किसी भी अन्य पेड़ में प्रवाहित कर फिर से स्वच्छ जल से भरकर रख दे |
प्रतिदिन जब भी आप पूजा के लिए बैठते है तो सबसे पहले आप गणेश जी की आव्हान करें | गणेश जी के आव्हान के लिए आप दिए गये मंत्रो में से किसी भी मंत्र का उच्चारण कर सकते है : –
|| भगवान श्री गणेश जी के मंत्र ||
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ॐ गजाननं भूंतागणाधि सेवितम्,
कपित्थजम्बू फलचारु भक्षणम्।
उमासुतम् शोक विनाश कारकम्,
नमामि विघ्नेश्वर पादपंकजम्॥
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|| ॐ गं गणपतये नमः ||
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|| ॐ श्री विघ्नेश्वराय नमः ||
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|| ॐ श्री गणेशाय नमः ||
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वक्रतुण्ड महाकाय कोटिसूर्य समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरू मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।।
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भगवान श्री गणेश रिद्धि- सिद्धि को प्रदान करने वाले है | इनकी पूजा आराधना करने से घर में सभी दुःख – बाधाएं दूर होकर लक्ष्मी का वास होने लगता है और बुद्धि का विकास होता है | इस प्रकार आप अपने पूजा स्थल पर गणेश जी की स्थापना करें और अपनी पूजा का पूरा प्रतिफल पायें | ऐसा करने से भगवान श्री गणेश जी के साथ -साथ सभी देवों की भी कृपा आप पर सदैव बनी रहेंगी |
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