भगवान शिव के पाँचवे अवतार कहे जाने वाले बाबा भैरव को महाकाल और बटुक भैरव के नाम से भी जाना जाता है | यूँ तो भैरव के 12 स्वरुप है जिनमें से कुछ को स्वाभाव से सौम्य और कुछ को उग्र माना गया है, काल भैरव भी भैरव के उग्र स्वरूपों में से एक है | यहाँ इस post में हम आपको सम्पूर्ण भैरव चालीसा(Bhairav Chalisa Hindi) के विषय में जानकारी देने वाले है | भैरव चालीसा, भी हनुमान चालीसा पाठ की तरह ही आपके सभी दुखों को हरने वाली व भय आदि से मुक्ति देने वाली है | जो भक्त बाबा भैरव की उपासना करते है उन्हें सप्ताह में एक बार भैरव चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिए |
जितना शीघ्र हो सके आप भैरव चालीसा/Bhairav Chalisa के पाठ को याद करने का प्रयत्न करें | यदि आप किताब में देखकर भैरव चालीसा का पाठ करते है तो इससे आपका ध्यान किताब की तरफ अधिक और बाबा भैरव की तरफ कम होगा | किन्तु शुरु में आप किताब से देखकर भी पाठ कर सकते है किन्तु भैरव चालीसा/Bhairav Chalisa पाठ का सम्पूर्ण फल प्राप्त करने के लिए इसे याद अवश्य कर ले |
Bhairav Chalisa Hindi
भैरव चालीसा :-
॥ दोहा ॥
श्री गणपति, गुरु गौरि पद, प्रेम सहित धरि माथ ।
चालीसा वन्दन करों, श्री शिव भैरवनाथ ॥
श्री भैरव संकट हरण, मंगल करण कृपाल ।
श्याम वरण विकराल वपु, लोचन लाल विशाल ॥
|| चौपाई ||
॥ दोहा ॥
जय जय जय भैरव बटुक, स्वामी संकट टार ।
कृपा दास पर कीजिये, शंकर के अवतार ॥
जो यह चालीसा पढ़े, प्रेम सहित सत बार ।
उस घर सर्वानन्द हों, वैभव बड़े अपार ॥
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भैरव चालीसा/Bhairav Chalisa के नियमित पाठ से भैरव अति शीघ्र प्रसन्न होते है | जो व्यक्ति रात को डरते है या बुरे-बूरे स्वप्न आते है अथवा जिन लोगों के घर में व्यर्थ के विवाद होते रहते है, ऐसे लोगों के लिए भैरव चालीसा(Bhairav Chalisa Hindi) का पाठ पूर्णतया फलदायी है | शत्रुओं से छुटकारा पाने के लिए व परिवार में सुख -शांति बनाये रखने के लिए भी भैरव चालीसा/Bhairav Chalisa का पाठ शीघ्र परिणाम देने वाला है |