भारत देश अपनी सभ्यता और इतिहास के कारण पूरे विश्व में प्रसिद्द है | हिन्दू धर्म में सभी देवी-देवताओं के लिए भिन्न भिन्न पूजा-पाठ और तंत्र-मंत्र का उल्लेख मिलता है | यहाँ साधक, देव व देवी को प्रसन्न करने हेतु उनकी विधिवत कठिन साधनाएँ करते है जिनमें कुछ सफल होकर सिद्धियाँ भी अर्जित करते है | भारत देश में कुछ ऐसे हिन्दू मंदिर भी है जहाँ साधक अपनी कठिन साधना पूर्ण करने के पश्चात् सिद्धियाँ प्राप्त करने आते है | तो आइये जानते है इस post में इन मंदिरों(Bharat ke Tantrik Mandir)के विषय में विस्तार से जानकारी : –
Bharat ke Tantrik Mandir
1. कामाख्या देवी मंदिर :-
माँ सती के 51 शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ माँ कामाख्या मंदिर असम राज्य के नीलांचल पर्वत पर स्थित है | तांत्रिकों के लिए नवरात्रों के समय यह स्थान किसी स्वर्ग से कम नहीं | दूर-दूर से तांत्रिक नवरात्रों के समय यहाँ सिद्धियाँ प्राप्त करने आते है | धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यहाँ माँ सती का योनी भाग गिरा था इसलिए इसी रूप में माँ को यहाँ पूजा जाता है | माँ सती से सभी 51 शक्तिपीठों में कामाख्या देवी मंदिर(Bharat ke Tantrik Mandir) को सबसे प्रभावशाली शक्तिपीठ माना गया है |
2. काल भैरव मंदिर उज्जैन :-
महाकाल नगरी उज्जैन में स्थित काल भैरव की मान्यता इतनी अधिक है कि यहाँ महाकाल के दर्शन के लिए आने वाले भक्त एक बार काल भैरव के दर्शन अवश्य करते है | यहाँ काल भैरव को मदिरा का भोग लगाया जाता है | पुराने समय में यह मंदिर केवल तांत्रिकों के लिए खुला रहता है और यहाँ बलि प्रथा भी प्रचलन में थी | किन्तु आधुनिक समय में इसे सभी भक्तों के लिए दर्शन हेतु खुला रखा गया है | बलि प्रथा को भी यहाँ प्रतिबंधित कर दिया गया | अभी भी दूर-दूर से काल भैरव की साधना करने वाले साधक अपनी साधना में सफलता अर्जित करने हेतु यहाँ आते है और सिद्धियाँ अर्जित कर मानव कल्याण करते है |
3. मेहंदीपुर बालाजी – राजस्थान :-
राजस्थान के दौसा जिले में मेहंदीपुर स्थान पर स्थित बालाजी मंदिर अपनी चमत्कारिक शक्तियों से पूरे उत्तर भारत में प्रसिद्द है | यहाँ हनुमान बालाजी के रूप में विराजमान है | दूर-दूर से भूत-प्रेत और ऊपरी बाधाओं से पीड़ित रोगी यहाँ बालाजी की कृपा से ठीक होते है | यहाँ जगह-जगह पर तांत्रिक अपनी तंत्र विद्याओं द्वारा भूत-प्रेत आदि से पीड़ित रोगियों को ठीक करते है | भूत-प्रेत और ऊपरी बाधाओं से पीड़ित रोगियों के यहाँ बड़ी संख्या में एकत्रित होने के कारण बड़ा ही डरावना वातावरण हमेशा बना रहता है |
4. तारापीठ मंदिर कोलकाता :-
तारापीठ भी माँ सती के 51 शक्तिपीठों में से एक है यहाँ माँ सती की आँखे गिरी थी | सबसे पहले महर्षि वशिष्ट ने माँ की साधना कर अनेकों सिद्धियाँ प्राप्त की थी, सर्वप्रथम उन्हीं ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था | तंत्र की द्रष्टि से भी यह स्थान काफी महत्व रखता है | अनेकों साधकों ने यहाँ आकर सिद्धियाँ प्राप्त की है |
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5. एकलिंग मंदिर राजस्थान :-
भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर(Bharat ke Tantrik Mandir) राजस्थान के उदयपुर जिले में स्थित है | यह मंदिर लगभग 1200 वर्ष पुराना है | भगवान शिव की तंत्र साधना करने वाले साधक यहाँ आकर सिद्धियाँ प्राप्त करते है |