ज्योतिष शास्त्र में जातक की समस्याओं का कारण और उनका निवारण मिलता है | किन्तु यह तभी संभव हो पाता है जब जातक को अपने जन्म के विषय में ठीक-ठीक जानकारी पता हो जैसे जन्म की तारीख ,सही समय और जन्म का स्थान आदि | इन सब के आधार पर भी जातक की लग्न कुंडली/(Bina Janam Kundali ke Jyotish Samadhan)बनती है जिससे ग्रहों की शुभता और अशुभता का पता लगता है |
एक जातक द्वारा अपने जन्म के विषय में जानकारी न देने पर ज्योतिष शास्त्र भी उसका ठीक से मार्गदर्शन नहीं कर पाता है और सिर्फ और सिर्फ उसकी नाम राशी के आधार पर जातक को समस्या का निवारण सुझावित किया जाता है | आज हम आपको एक ऐसे देव की पूजा के विषय में जानकारी देने वाले है जो जातक के कष्टों के निवारण में उसकी हर प्रकार से सहायता ही करता है |
जन्म कुंडली के विषय में जानकारी न होने पर जातक को शनि देव की पूजा करनी चाहिए | शनि देव ही एकमात्र ऐसे देव है जो पृथ्वी पर हर प्राणी के कर्म के अनुसार उसे फलीभूत करते है | जातक की हर समस्या के पीछे कहीं न कहीं शनि देव ही है | जातक के हर सुख और दुःख के रचियता शनिदेव है | इसलिए जो लोग शनि देव को सिर्फ और सिर्फ पीड़ाकारक गृह की संज्ञा देते है वे पूर्ण रूप से गलत है क्योंकि शनिदेव जहाँ जातक द्वारा किये गये पापों के बदले उन्हें दण्डित करते है उन्हें तरह-तरह से पीड़ित करते है वहीँ अच्छे कर्म करने वाले जातक को परम सुख का अनुभव भी कराते है |
इसलिए जन्म कुंडली के विषय में ठीक से जानकारी ने मिलने पर आप शनिदेव की पूजा कर उन्हें प्रसन्न कर सकते है और अपने कष्टों का निवारण पा सकते है |
Bina Janam Kundali ke Jyotish Samadhan :
शनि देव की पूजा :-
- शनिवार की प्रातः सूर्योदय से पहले पीपल के पेड़ में जल अर्पित करें व इस मंत्र का जप करें : ॐ शं शनैश्चराय नमः | एक सरसों के तेल का दीपक पीपल के पेड़ के नीचे धरती पर प्रज्वल्लित करें |
- शनिवार की शाम को कुछ गुलगुले बनाकर अपने सिर के ऊपर से सात बार बारे व शनि देव का स्मरण करें | अब इन गुलगुलों को किसी काले कुत्ते को खिला दे | इसके अतिरिक्त आप एक मोटी रोटी बनाकर उस पर सरसों का तेल लगाये, अब इस रोटी के चार टुकड़े करके अपने ऊपर से सात बार वार कर काले कुत्ते को खिलाये |
- शनिवार के दिन किसी बिजार ( गाय की नर प्रजाति ) को गुड़ और तेल खिलाये |
- घर में पूजा स्थल पर सिद्ध शनि यन्त्र की स्थापना करें और प्रतिदिन इसकी पूजा करें | पूजा के समय शनि मंत्र – ॐ शं शनैश्चराय नमः की कम से कम एक माला का जप अवश्य करें |
- शनि देव के तांत्रिक मंत्र का जप करना भी शुभ माना गया है | इसलिए शनिवार की शाम अपने सामर्थ्य अनुसार आप इस मंत्र के जप अवश्य करें : ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः |
- शनि देव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए सूर्य देव की पूजा करना भी फलदायी माना गया है | इसलिए सूर्य को अर्ध्य देना विशेष रूप से लाभकारी सिद्ध हो सकता है |
- शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने से शनि देव भी प्रसन्न होते है | इसलिए हनुमान जी को शनिवार के दिन चौला चढ़ाए व सुंदर काण्ड का पाठ करें |
- शनिवार के दिन शनि देव के मंदिर अवश्य जाए | मंदिर में शनिदेव को सरसों का तेल, काले तिल व लोहे की वस्तु और प्रसाद रूप में रेवड़ी आदि अर्पित करें | सरसों के तेल का दीपक जलाये | ध्यान दे : शनि देव की प्रतिमा को एकदम सामने से कदापि न देखे, थोड़े एक तरफ होकर ही उन्हें प्रणाम करना चाहिए |
जन्म कुंडली के विषय में जातक को ठीक जानकारी न होने पर शनि देव की पूजा करना एक सफल उपाय है | इससे पापों का शमन होता है | यदि आप भी कुंडली के विषय में ठीक जानकारी न होने पर हर तरफ से कष्टों से पीड़ित है तो आज से ही शनि देव की आराधना करना शुरू कर दे और फिर देखे कैसे शनि देव आपके जीवन में खुशियों की नई किरण लेकर आते है |