शरीर के सभी अंगों में सबसे अधिक महतवपूर्ण स्थान लीवर को माना गया है | लीवर पाचन क्रिया में सबसे अधिक भूमिका निभाता है | यह भोजन से पाचक रस द्वारा सभी प्रकार के विटामिन्स व प्रोटीन आदि का निर्माण करता है | शरीर में होने वाली हर बीमारी कहीं न कहीं लीवर से जुड़ी होती है | क्योंकि लीवर के ठीक प्रकार से कार्य न करने पर ही अधिकतर बिमारियों का जन्म होता है | इसलिए जरुरी है लीवर को सदैव स्वस्थ रखने की | लीवर/(Yoga for Liver in Hindi)को स्वस्थ रखने व इसकी कार्य क्षमता को बनाये रखने में संतुलित आहार व योगासन एक अहम भूमिका निभा सकते है |
पेट की सभी समस्याओं का जन्म अधिकतर लीवर में आई कार्यप्रणाली में कमी के कारण होता है | लीवर के ठीक से कार्य न करने पर पेट में भारीपन, एसिडिटी, गैस, कब्ज पेट दर्द जैसे प्राथमिक लक्षण दिखाई दे सकते है |
लीवर और योगासन :
कुछ ऐसे योग आसन है जिन्हें आप नियमित रूप से करें तो लीवर की कमजोरी को समय पर दूर कर सकते है | लीवर कभी भी एकदम से काम करना बंद नहीं करता है, धीरे-धीरे इसकी कार्य क्षमता में कमी आती जाती है | इसके अभास और लक्षण भी रोगी को दिखाई देने लगते है किन्तु इसे अनदेखा कर देने से, समय पर उपचार न करवाने से लीवर पूरी तरह से काम करना बंद कर देता है(Yoga for Liver in Hindi) |
Yoga for Liver in Hindi :
लीवर ठीक करने के योगासन :-
धनुरासन :
बढ़े हुए लीवर को ठीक करने में यह आसन पूर्ण रूप से प्रभावी सिद्ध होता है | इस आसन को करने के लिए आप पेट के बल लेट जाए | आपका सिर जमीन की तरफ, हाथ और पैर बिलकुल सीधे होने चाहिए | अब धीरे-धीरे अपने पैरों के घुटनों को मोड़ते हुए ऊपर ले आये | अब अपने हाथों को थोडा ऊपर उठाकर अपने पैरों के पंजे वाले भाग को पकड़े | इस अवस्था में सिर्फ आपका पेट वाला भाग ही जमीन से स्पर्श करेगा बाकी हिस्सा हवा में उठा रहेगा | आप नीचे दिए गये चित्र के अनुसार धनुरासन कर सकते है :
अब धीरे-धीरे आप अपने हाथों को छोड़कर पहले वाली मुद्रा में आ जाये | धनुरासन फैटी लीवर को ठीक करने के साथ-साथ लीवर को मजबूती भी प्रदान करता है | इससे लीवर की कार्यक्षमता में वृद्धि होती है |
नौकासन :-
इस आसन को करने के लिए आप पीठ के बल लेट जाए अपने दोनों पैरों को आपस में मिलाएं रखे | अपने दोनों हाथों को भी शरीर के साथ सटाये हुए रखे | अब धीरे-धीरे अपने हाथों को सीधे पैरों की तरफ रखते हुए कमर व सिर के हिस्से को ऊपर उठाये | अपने नितंभ वाले हिस्से को जमीन पर टिकाये रखे व अपने दोनों पैरों को भी आपस में सटाये हुए ही ऊपर तक उठाये | लम्बी गहरी सांस लेते रहे और कुछ समय तक इसी मुद्रा को बनाये रखे | इस मुद्रा में आपकी नाभि वाले हिस्से पर काफी जोर महसूस होता है | अब धीरे-धीरे आप अपने पैरों को और सिर,कमर को पहले वाली स्थिति में ले आये | इस प्रकार इस आसन को 3 से 5 बार करना चाहिए |
इस आसन के करने से लीवर मजबूत बनता है | कैंसर जैसी भयानक बीमारी से लीवर सुरक्षित रहता है | इससे लीवर साफ़ होने के साथ-साथ पेट को हानिकारक पदार्थों से भी दूर भी रखता है |
Yoga for Liver in Hindi
सुप्त पवनमुक्तासन :-
यह आसन पेट की समस्याओं और लीवर के लिए अच्छा माना गया है | इस आसन को करने के लिए आप सीधे पीठ के बल लेट जाए | अब अपने दायें पैर के घुटने को मोड़ते हुए पैर को ऊपर उठायें | घुटने को छाती से स्पर्श कराने का प्रयास करें | अपने दोनों हाथों से घुटने को पकड़े रखे अब अपने ठोड़ी भाग को घुटने से स्पर्श कराये | इस अवस्था में कुछ देर रुके रहे व धीरे-धीरे वापिस पहले वाली मुद्रा में आ जाये | अब बाएं पैर को लेकर इसी क्रिया को पुनः करें | इस प्रकार इस आसन को आप 5 से 7 बार दोहरा सकते है |
कपालभाति प्राणायाम :-
कपालभाति प्राणायाम आधुनिक योग का विकसित रूप है जो कि आपके पेट, लीवर को ही नहीं अपितु शरीर के सारे अंगो को लाभ पहुंचाता है | बहुत सी बिमारियों को ठीक करने में यह योग प्रभावी सिद्ध हुआ है जिसमें लीवर से जुड़े रोग भी शामिल है |
सामान्य योग मुद्रा में बैठ जाये | अब अपनी नासिका द्वारा सांस छोड़े, सांस छोड़ते समय सिर्फ और सिर्फ पेट वाले भाग को अंदर की और धकेले | अब जैसे ही आप अपने पेट को ढीला छोड़ेंगे आपके फेफड़ों में साँस भी स्वतः ही भरने लगेगी | अब फिर से नासिका द्वारा सांस बाहर छोड़ते हुए पेट को अंदर की ओर धकेले | इस प्रकार आप 3 से 5 मिनट तक इस क्रिया को करें | फिर कुछ देर विश्राम कर फिर से आप इस योग को कर सकते है |
अन्य जानकारियाँ :-
- एनीमिया क्या होता है ? इसके कारण-लक्षण एवं उपचार क्या है ?
- योग क्या है ? योग के अनुभव
- मानव जीवन में व्यायाम का महत्व
- पेट कम करने के Best योगासन
उपरोक्त सभी योग आसन लीवर/(Yoga for Liver in Hindi) में आई कमजोरी को दूर कर उसे मजबूत बनाते है | नियमित रूप से इन योगासनों को करने से ही अच्छे परिणाम प्राप्त किये जा सकते है | समस्या गंभीर होने पर तुरंत किसी अच्छे चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए |