भगवान शिव को हिन्दू धरम में सर्वोच्च माना गया है | वही आदि है और वे ही अंत अर्थात उन्ही से जीवन की उत्पत्ति है और उन्ही से जीवन का अंत | भगवान शिव में विश्वास रखने वाले भक्तजन भोलेनाथ को प्रसन्न करने हेतु व उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने हेतु अपनी श्रद्धा अनुसार तरह-तरह से उनकी आराधना करते है | मंत्र जप द्वारा , विशेष अनुष्ठान द्वारा, विशेष मंत्र साधना द्वारा, शाबर मंत्र द्वारा , मानसिक उपासना द्वारा, शिव चालिसा , शिव तांडव स्त्रोतम व आरती/Shiv Aarti Lyrics in Hindi के माध्यम से भक्तजन भगवान शिव की पूजा आराधना करते आये है |
भगवान शिव के लिए आप कोई भी पूजा या अनुष्ठान आदि करते है तो अंत में उनकी आरती का गायन अवश्य किया जाता है | ऐसा माना जाता है बिना आरती किये कोई भी पूजा या अनुष्ठान अधुरा रह जाता है | जो भक्त दैनिक रूप से भोलेनाथ की पूजा करते है वे भी पूजा के समय शिव आरती का गायन अवश्य करते है |
Shiv Aarti Lyrics in Hindi
भगवान शिव जी की आरती
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा |
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा ||
ॐ जय शिव ओंकारा
एकानन चतुरानन पंचानन राजे |
हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे||
ॐ जय शिव ओंकारा
दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे |
त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे ||
ॐ जय शिव ओंकारा
अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी |
त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी ||
ॐ जय शिव ओंकारा
श्वेतांबर पीतांबर बाघंबर अंगे |
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ||
ॐ जय शिव ओंकारा
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूलधारी |
सुखकारी दुखहारी जगपालन कारी ||
ॐ जय शिव ओंकारा
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका |
प्रणवाक्षर में शोभित ये तीनों एका ||
ॐ जय शिव ओंकारा
लक्ष्मी व सावित्री पार्वती संगा |
पार्वती अर्द्धांगी, शिवलहरी गंगा ||
ॐ जय शिव ओंकारा
पर्वत सोहैं पार्वती, शंकर कैलासा |
भांग धतूर का भोजन, भस्मी में वासा ||
ॐ जय शिव ओंकारा
जटा में गंग बहत है, गल मुण्डन माला |
शेष नाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला ||
ॐ जय शिव ओंकारा
काशी में विराजे विश्वनाथ, नंदी ब्रह्मचारी |
नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी ||
ॐ जय शिव ओंकारा
त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोइ नर गावे |
कहत शिवानंद स्वामी सुख संपति पावे ||
ॐ जय शिव ओंकारा
Shiv Aarti Lyrics in Hindi
भगवान शिव आरती का गायन इस प्रकार करें :
आप जिस भी ईष्ट देव की आरती करें, आरती का गायन सदैव मध्यम स्वर में करना चाहिए | आपके मुख से निकलने वाली ध्वनि कर्णप्रिय होनी चाहिए जो स्वयं को तो मंत्रमुग्ध करे ही साथ में, जो भी आपकी आरती का गायन सुने उसे भी यह कर्णप्रिय लगे | बहुत तेज आवाज में आरती का गायन करने से यह कर्णप्रिय नहीं रहती |(Shiv Aarti Lyrics in Hindi) |
Shiv Aarti Video by : ANURADHA PAUDWAL
भगवान शिव जी की आरती के लाभ :-
दैनिक पूजा में भगवान शिव की आरती करने से यह आपके घर को हर तरह से सकारात्मकता प्रदान करने वाली है | ऐसे घर के सदस्य सकारात्मक विचार रखते है | नकारात्मक शक्तियां भी घर से दूर होने लगती है | भगवान शिव के प्रति सच्ची श्रद्धा रखते हुए प्रतिदिन जो भक्त उनकी आरती/Shiv Aarti Lyrics in Hindi करते है उनके जीवन से सभी सांसारिक दुख दूर होते है और वे मोक्ष के मार्ग की ओर अग्रसर होने लगते है |