आधुनिक युग में शरीर को स्वस्थ रखना एक चिंता का विषय बन गया है | बच्चे-किशोर -व्यस्क भी आज भिन्न-भिन्न प्रकार की बिमारियों से ग्रसित हो रहे है | ऐसे में जहाँ आधुनिक चिकित्सा के माध्यम से उपचार में दुष्परिणाम देखने को मिलते है वहीँ आयुर्वेद एक सुरक्षित चिकित्सा पद्दति के रूप में रोगी को स्वस्थ बनाता है | आज हम आपको आयुर्वेद के एक दुर्लभ संयोग योगेन्द्र रस(Yogendra Ras ke Fayde) के विषय में जानकारी देने वाले है जिसका प्रयोग मुख्य रूप से उच्च रक्तचाप , पक्षाघात(पैरालिसिस), ह्रदय रोग और मष्तिष्क रोग के उपचार में किया जाता है |
योगेन्द्र रस के मुख्य घटक :
रससिन्दूर + सुवर्ण भस्म + कान्त लौह भस्म + अभ्रक भस्म + मुक्तापिष्टी व वंग भस्म |
योगेन्द्र रस बनाने की विधि : –
रससिन्दूर 2 तोला + ( सुवर्ण भस्म + कान्त लौह भस्म + अभ्रक भस्म + मुक्तापिष्टी व बंग भस्म ये सभी 1-1 तोला) इन सबको मिलाकर घृतकुमारी के रस में अच्छे से घोट कर गोला बना ले | अब इस गोले पर एरंड के पत्ते लपेटकर ऊपर से कच्चा धागा बांध दे | और इसे अब धान के ढेर में दबाकर रख दे | अब तीन दिन के बाद इसे निकाल कर इसके ऊपर से पत्ते हटाकर इसकी 1-1 रत्ती (1 रत्ती=121.5 mg) की गोलियां बनाकर छाया में सुखा ले | इस प्रकार से योगेन्द्र रस(Yogendra Ras ke Fayde) निर्मित हो जाता है |
Yogendra Ras ke Fayde
योगेन्द्र रस के फायदे (लाभ) : –
- योगेन्द्र रस ह्रदय रोग – दिल की कमजोरी , घबराहट , दिल का अधिक या अनियमित रूप से धड़कना और हाई BP के ईलाज में लाभकारी है |
- वातरोगों को दूर करने की यह उत्तम औषधि है | जोड़ों का दर्द, गठिया, कमर दर्द, अर्थराईटिस और पक्षाघात(लकवा) जैसे रोगों की यह उत्तम दवा है |
- इंद्रियों की कमजोरी दूर करने में इसका प्रयोग किया जाता है |
- शारीरिक कमजोरी दूर करने व शरीर को हष्ट-पुष्ट बनाने में योगेन्द्र रस का प्रयोग लाभप्रद है |
- यौन दौर्बल्यता दूर करने में लाभकारी औषधि |
- मूत्र सम्बन्धी रोग दूर करने में |
- पित्त की समस्या |
विभिन्न रोग उपचार में योगेन्द्र रस के उपयोग :
Yogendra Ras ke Fayde in Different Disease
ह्रदय रोग में योगेन्द्र का प्रयोग :
अर्जुन की छाल के काढ़े के साथ योगेन्द्र रस उचित मात्रा में रोगी को सेवन कराने से ह्रदय रोग में आराम मिलता है |
यौन दुर्बलता दूर करने में योगेन्द्र का प्रयोग :
योगेन्द्र रस को मक्खन के साथ प्रयोग करने से वीर्य की वृद्धि होती है व यौन दुर्बलता दूर होती है |
शारीरिक व मानसिक कमजोरी दूर करने में :
सामान्य शारीरिक व मानसिक कमजोरी को दूर करने के लिए आप योगेन्द्र रस की 1-1 गोली का प्रयोग सुबह-शाम दूध के साथ करें |
मूत्र रोगों के उपचार में योगेन्द्र रस का प्रयोग :
इस औषधि के प्रयोग से इन्द्रियां मजबूत बनती है | शिलाजीत के साथ इस औषधि के प्रयोग से स्वप्न दोष व मूत्र संस्थान से जुड़े रोग में राहत मिलती है |
शरीर को हष्ट-पुष्ट व बलवान बनाने में योगेन्द्र रस का प्रयोग :
च्यवनप्राश अवलेह के साथ योगेन्द्र रस का प्रयोग व्यक्ति को शारीरिक रूप से हष्ट-पुष्ट बनांता है |
ध्यान देने योग्य : योगेन्द्र रस/(Yogendra Ras ke Fayde) एक strong औषधि होने के कारण चिकित्सक की देखरेख में ही प्रयोग की जानी चाहिए | इस औषधि का प्रयोग एक सीमित अवधि के लिए ही किया जाता है | किसी भी प्रकार के दुष्परिणाम मिलने पर तुरंत चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए |