आज के समय में अच्छे स्वास्थ्य की बातें सिर्फ वे लोग ही करते है जिनका स्वास्थ्य अब अच्छा नहीं रहा | जो लोग अभी थोड़े स्वस्थ है वे अच्छे स्वास्थ्य के विषय से भी थोड़े दूर है | हमारे बीच ही कुछ लोग ऐसे भी है जो अच्छे स्वास्थ्य और संतुलित भोजन की बातें तो नहीं करते किन्तु शरीर में थोड़ी सी समस्या होने पर कुछ दिन के लिए सचेत अवश्य हो जाते है | ऐसे लोग कुछ दिन के लिए संतुलित भोजन और योग व exercise(व्यायाम) आदि पर ध्यान देने लगते है | जैसे ही पूर्ण रूप से स्वस्थ हो जाते है अपनी पुरानी दिनचर्या में ही खो जाते है जहाँ प्रतिस्पर्धा है पैसा है किन्तु अच्छे स्वास्थ्य के लिए कोई स्थान नहीं |
अच्छा स्वास्थ्य क्या है ?
केवल शारीरिक रूप से शरीर में किसी प्रकार की व्याधि(रोग) न होना ही स्वास्थ्य की परिभाषा को पूर्ण नहीं करता है | बल्कि अच्छे स्वास्थ्य का संबंध स्वस्थ शरीर व स्वस्थ मष्तिष्क दोनों से है | यदि आप शरीर से स्वस्थ है आपके शरीर में कोई भी रोग आदि नहीं है किन्तु आपका मन अशांत है, तनाव से पीड़ित है , स्वभाव चिडचिडा रहता है, अति शीघ्र क्रोध आता है तो आप पूर्ण रूप से अच्छे स्वास्थ्य के मालिक नहीं है | अपितु आपको उपचार की आवश्यकता है |
Acche Swasthya Ka Mahatva
अच्छे स्वास्थ्य से मुझे क्या, मैं तो अभी स्वस्थ हूँ : –
जब आप दूसरों को अच्छे स्वास्थ्य के विषय में जानकारी देने बाहर निकलते है तो लोगों से कुछ ऐसे शब्द सुनने को मिलते है : ” अच्छे स्वास्थ्य से मुझे क्या, मैं तो अभी स्वस्थ हूँ ” या ” जब बीमार होंगे तब देख लेंगे ” | ऐसे लोगों को नीचे दिए गये 2 उदाहरण से उन्हें समझा सकते है |
उदाहरण 1 : एक machine के पुर्जे में खराबी आ जाने से वह ठीक से कार्य नहीं करती, उस पुर्जे की मुरम्मत के बाद मशीन पहले जितनी दक्षता के साथ कार्य करेगी इसकी सम्भावना थोड़ी कम हो जाती है | ऐसे ही मानव शरीर भी एक जटिल संरचना है इसमें एक बार खराबी आने के बाद पहले जिनती दक्षता प्राप्त करना मुश्किल हो जाता है | इसलिए शरीर में रोग आने का इंतजार न करें व स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बने | संतुलित भोजन , योग , exercise व अच्छी दिनचर्या अपनाये |
उदाहरण 2 : आपने देखा होगा जिन कारखानों में समय-समय पर मशीन की जाँच की जाती है और मशीन का प्रयोग दिए गये निर्देशों के अनुसार ही किया जाता है वहाँ मशीने ख़राब होने की सम्भावना न्यूनतम हो जाती है | ऐसे ही यदि आप अपने शरीर की देखभाल अच्छे से रखते है | संतुलित भोजन का सेवन करते है | प्रतिदिन योग व exercise करते है तो आपके बीमार होने की सम्भावना भी न्यूनतम हो जाती है | आप लम्बे समय तक स्वस्थ जीवन जीते है |
अच्छे स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होना क्या है ?
अच्छे स्वास्थ्य का अर्थ क्या है ? इस विषय में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करके इसे अपने मष्तिष्क के किसी कोने में रख देना क्या इसे अच्छे स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होना कहा जायेगा,- नहीं | आपको न केवल अच्छे स्वास्थ्य के विषय में जानकारी प्राप्त करनी है बल्कि इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा भी बनाना है और साथ ही अन्य लोगों को भी अच्छे स्वास्थ्य के महत्व से अवगत कराना है |
शरीर में रोग आने का इंतजार न करें :
यदि आप अच्छे स्वास्थ्य के नियमों का पालन नहीं करते है और अभी तक निरोग जीवन व्यतीत कर रहे है | तो समझ जाइये आपका शरीर लगातार फाइट कर रहा है आपके गलत खानपान से, आपकी गलत दिनचर्या से, आपके गलत मानसिक विचारों से | जिस दिन आपका शरीर कमजोर हो जायेगा आप रोगग्रस्त हो जायेंगे | यदि आपके रोग का इलाज हो जाता है तो आप बड़े खुशकिस्मत है | कुछ लोग ऐसे भी है जो निरोग जीवन व्यतीत करते-करते एकदम से किसी असाध्य रोग की गिरफ्त में आ जाते है | इसके पीछे उनका गलत खान-पान , गलत दिनचर्या व तनाव आदि मुख्य कारण बनते है |
इसलिए शरीर में रोग आने का इन्तजार न करें, असाध्य रोग की दशा में यह आपके लिए घातक सिद्ध हो सकता है |
स्वयं को स्वस्थ कैसे रखे ? या
अच्छे स्वास्थ्य के 5 नियम :
स्वयं के शरीर को निरंतर स्वस्थ बनाये रखने के लिए 5 अच्छी आदतों को अपनाये :
- संतुलित भोजन ग्रहण करें : समय पर भोजन करें | जंक फ़ूड – तैलीय भोजन – अधिक spicy भोजन -बासी बाजार के भोजन के सेवन से बचना चाहिए | किसी भी प्रकार का नशा न करें | अपने भोजन में : दूध -दही – हरी सब्जियाँ और मौसमी फलों का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए |
- योग और व्यायाम करें : सुबह जल्दी उठने की आदत बनाये | सुबह उठकर बाहर घूमने जाये | खुले स्थान पर जाकर योग का अभ्यास करें व exercise करें |
- अपनी दिनचर्या को व्यवस्थित करें : अपनी दिनचर्या को इस प्रकार व्यवस्थित करें जिसमें : खाना खाने व रात्रि को सोने और सुबह जल्दी उठने के उचित समय का पालन किया गया हो | ख़राब दिनचर्या जैसे : रात्रि को देर तक जागना , रात्रि को देर से भोजन करना , रात्रि को भोजन के तुरंत बाद सो जाना, दोपहर का भोजन बहुत देर से करना , सुबह का ब्रेकफास्ट भी देर से करना, दिन में एक घंटे से अधिक सोना ये सभी कार्य ख़राब दिनचर्या के हिस्से है जिनका सीधा असर आपके स्वास्थ्य पर पड़ सकता है |
- मन को शांत रखे : मन में तनाव – चिडचिडापन रहना- अधिक चिंता करना ये सब आपको मानसिक रूप से विकृत बनाते है जिनका सीधा असर आपके अन्य शारीरिक अंगों पर पड़ता है | इसलिए मन को सदैव शांत व प्रसन्न रखने का प्रयास करें |
- सामाजिक बुराइयाँ : दूसरों के प्रति हीन भावना रखना , अधिक क्रोध की आदत , नकारात्मक विचार, अधिक लोभ व लालच, जिन लोगों के मष्तिष्क में ऐसी सामाजिक बुराइयाँ बसती है उनका मस्तिष्क अस्थिर रहता है | वे कभी भी मन से शांत नहीं हो सकते | इन सभी बुराइयों से बचना चाहिए |