शिवलिंग रुद्राभिषेक विधि | शिवलिंग रुद्राभिषेक से मिलती है सम्पूर्ण फल की प्राप्ति

By | July 15, 2017

देवों के देव भगवान शिव जितने प्रलंकारी है उनते ही जल्दी प्रसन्न होने वाले भी है | भगवान शिव थोड़ी सी पूजा मात्र से ही प्रसन्न हो जाते है इसीलिए उन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है भगवान शिव को शिवलिंग के रूप(Shivling Rudrabhishek) में पूजा जाता है और श्रावण मास में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व होता है |  इस महीने में भगवान शिव की विधि पूर्वक पूजा करने से भगवान शिव अति प्रसन्न होते है |

Shivling Rudrabhishek

सावन मास का भगवान शिव को अति प्रिय होने के पीछे कुछ मान्यताएं है : सावन मास में ही भगवान शिव ने देवी पार्वती की पूजा से खुश होकर उनसे  विवाह किया था | सावन मास में ही भगवान शिव ने समुद्र मंथन से निकले विष को पीकर संसार की रक्षा की थी | एक मान्यता के अनुसार सावन मास भगवान शिव को अति प्रिय इसलिए भी  है क्योंकि इस मास में सबसे अधिक वर्षा होती है जो भगवान शिव के गरम शरीर को ठंडा रखती है |

सप्ताह का प्रत्येक दिन किसी न किसी देव को अति प्रिय होता है | सोमवार का दिन भगवान शिव का अति प्रिय दिन माना जाता है | अतः सावन मास में सोमवार के दिन भगवान शिव का व्रत रखने और मंदिर जाकर शिवलिंग का रूद्र अभिषेक करने से भगवान शिव आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते है | आज हम आपको इसी (Shivling Rudrabhishek)रूद्र अभिषेक के विषय में बताने जा रहे है :-

Shivling Rudrabhishek Vidhi : 

रूद्र अभिषेक विधि :- 

सोमवार के दिन आप सुबह- सुबह  नहाकर भगवान शिव के मंदिर जाये | आप अपने साथ इस प्रकार पूजा की सामग्री की व्यवस्था करके जाये : थोडा शहद , दूध , दही, घी, शक्कर , बिल्व पत्र ,चावल,रोली(कुमकुम),मोली((लाल धागा), फल और फूल , जल और  दूप – दीप सामग्री  | इस सामग्री के साथ आप भगवान भोलेनाथ के समक्ष जाकर सबसे पहले धुप व घी का दीपक जलाये तत्पश्चात शिवलिंग/Shivling के साथ – साथ पूरे शिव परिवार को जल से स्नान कराये (Shivling Rudrabhishek)|

जल से स्नान कराने के पश्चात् दूध से स्नान कराए, दूध से स्नान कराने के पश्चात् फिर से शुद्ध जल से स्नान कराये | अब दही से स्नान कराये, इसके लिए आप थोडा – थोडा दही हाथ में लेकर शिवलिंग/Shivling के साथ – साथ पूरे शिव परिवार को हाथ से दही लगा  दे और इसके बाद फिर से शुद्ध जल से स्नान कराये | अब आप घी से स्नान कराये( घी को भी दही की भांति हाथ से लगा देना है ) और फिर जल से स्नान कराए |  अब आप शक्कर से स्नान कराये (शक्कर को भी दही व घी की भांति हाथ से मल दे ) और इसके बाद फिर से शुद्ध जल से स्नान कराये | अब आप शहद से स्नान कराये और फिर शुद्ध जल से स्नान कराए |

अब आप 3 से 4 लीटर शुद्ध जल में दूध , दही,घी,शक्कर व शहद को थोड़ी -थोड़ी मात्रा में सारे जल में मिला ले और इस जल में कुमकुम का छीटा लगा ले | अब इस जल को आप शिवलिंग पर धार बनाकर डालते जाये धीरे -धीरे इस सारे जल से आप शिवलिंग को स्नान करा दे | ध्यान दे जल धारा बीच में न टूटे, इसके साथ ही आप लगातार  “ॐ नमः शिवाय ” मंत्र का जाप करते रहे(Shivling Rudrabhishek) |

इस प्रकार करने के पश्चात् आप अब शिवलिंग/Shivling को शिव परिवार सहित वस्त्र उपवस्त्र अर्पित करें – इसके लिए आप मोली ( लाल धागे) को छोटे छोटे टुकड़ों में तोड़कर सारे शिव परिवार को अर्पित करें | अब आप रोली(कुमकुम) से सभी को तिलक करें ध्यान दे शिवलिंग को आप बीच की तीन उँगलियों से एक साथ कुमकुम द्वारा सीधी रेखा में तिलक करें खड़ी रेखा में तिलक बिलकुल न करें | अब आप सभी को चावल अर्पित करें और बिल्व पत्र अर्पित करें | यह सब करने के पश्चात् अब आप अपनी इच्छा अनुसार जो भी फल और फूल लेकर गये है अब आप  उन्हें अर्पित करें और कुछ दक्षिणा भी रखे |

अब आप शिव परिवार की अर्ध परिक्रमा करें ( अर्ध परिक्रमा इसलिए, क्योंकि शिवलिंग/Shivling पर चढ़ाया  जाने वाला जल जिस नाली द्वारा बाहर जाता है उसे कभी भी ऊपर से पार न करें वही से वापिस हो जाना चाहिये ) | अब आप मंदिर से आते समय दान पत्र में अवश्य कुछ राशी जरुर डाले |

Shivling Rudrabhishek

अन्य जानकारियाँ :- 

इस प्रकार भगवान शिव के रूद्र अभिषेक विधि सम्पूर्ण हो जाती है | आप इस प्रकार विधि अनुसार भगवान शिव की पूजा(Shivling Rudrabhishek) करते है तो भोलेनाथ अति प्रसन्न होकर आपके सभी दुखों को हर लेते है ||