Category Archives: पौराणिक कहानियाँ

भगवान शिव ने काल की रचना कैसे की ?

शिव महापुराण के अनुसार प्राणियों की आयु का निर्धारण करने के लिए महाकाल भगवान शंकर ने काल की कल्पना की | उसी से ही ब्रह्मा से लेकर अत्यंत छोटे जीवों तक की आयुष्य(आयु) का अनुमान लगाया जाता है | उस काल को ही व्यवस्थित करने के लिए महाकाल ने सप्तवारों की कल्पना की | सबसे पहले ज्योतिष स्वरुप… Read More »

भैरव के साथ में काला कुकुर(कुत्ता) क्यों ?

भैरव का अर्थ है भय का नाश करने वाला ! जब किसी भी अन्य साधनों के द्वारा मनुष्य का जीवन सुखमय नहीं हो, तब भैरव को प्रसन्न करने पर उसे चमत्कारी फल मिलने लगता है | शत्रुओं के भय का नाम भैरव है | परन्तु आपने देखा होगा भैरव के साथ में एक काला कुकुर(Bhairav ki Sawari Kala… Read More »

क्या कीमत है एक बार “राम” नाम जपने की ? धार्मिक कहानी

हिन्दू धर्म के अनुसार सभी जातक अपने-अपने पाप और पुण्य के आधार पर सुख और दुःख पाते है | सदा अच्छे कर्म करने के साथ-साथ भगवान का नाम लेने वाले जातक सदा सुखमय जीवन व्यतीत करते है व अपने अगले जन्म में भी अच्छी योनी को प्राप्त करते है, इसके विपरीत सदा वासना में लीन रहने वाले, दूसरों… Read More »

क्या है भगवान शिव की तीसरी आँख का रहस्य ?

देवों के देव महादेव कहे जाने वाले भगवान शिव जितनी जल्दी प्रसन्न होकर अपने भक्तों का उद्धार करते है वहीं उनका क्रोध भी सभी देवों से प्रचंड है | जहाँ सभी देवों को प्रसन्न करने हेतु बड़े – बड़े अनुष्ठान किये जाते है वहीं भगवान शिव शिवलिंग पर जल चढ़ाने मात्र से प्रसन्न होकर अपने भक्तों का कल्याण… Read More »

भोलेनाथ आराधना शिवलिंग रूप में पूजे जाने का कारण

हिन्दू धरम के अनुसार भगवान शिव को सभी देवों में सर्वोच्च माना गया है | भगवान शिव ही इस जगत के मूल कारक माने गये है | उनका न कोई रूप है और न कोई आकार | भगवान शिव को निराकार माना गया है | शिवलिंग के रूप में हम उस निराकार शिव तत्व की पूजा करते है… Read More »