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धर्म के बाद क्या ? जीवन को पूर्ण आनंदित कैसे बनायें ?

धर्म के बारे में हमने आपको बताया वह कर्म वह विचार जो आपकी आत्मा को परमात्मा को ओर ले जाए, धर्म है | अब हमने किसी भी धर्म को अपनाया इसके बाद क्या करें कि हमारी निकटता परमात्मा से बनी रहे | धर्म के बाद आता है योग | योग का नाम लेते ही आपकी सोच एक अलग… Read More »

पितृऋण क्या है ? जन्म कुंडली में पितृऋण की पहचान कैसे करें ?

हमारे पितरों( पूर्वजों) का क्रियाकर्म आदि विधि सम्मत ढंग से नहीं किये जाने पर पितर हमें सताते है | इसे ही पितृऋण/(Pitra Rin in Hindi) कहते है | पितृऋण का सबसे बड़ा सिद्धांत है – ‘ करे कोई, भरे कोई ‘ | पिता की गलती का परिणाम पुत्र को भोगना होता है | अनजाने में महाराज दशरथ ने… Read More »

धर्म क्या है ? और अधर्म क्या है ?

मनुष्य के द्वारा किया हुआ हर वह कार्य जिससे सृष्टि के रचियता परमपिता परमेश्वर की निकटता बढ़ने का अहसास होता है – धर्म कहलाता है | ठीक इसके विपरीत जिस कार्य के करने से आत्मा और परमात्मा की दूरियाँ बढ़ने लगे – अधर्म(Dharm Adharm Kya Hai) कहलाता है | अब आप कैसे जानेगें कि परमात्मा से निकटता बढ़… Read More »

क्या पुण्य करने से पाप नष्ट होते है ? सबसे बड़ा पुण्य क्या है ?

हिन्दू धर्म पुनर्जन्म में विश्वास रखता है | हिन्दू धर्म के अनुसार इस जन्म में किये कर्मों का फल जातक आने वाले जन्म में प्राप्त करता है | वर्तमान समय में आने वाली पीड़ाएं और दुःख भी जातक के पिछले जन्मों के कर्मों का ही फल होता है | मानव योनी को प्राप्त करना भी जातक के पुण्यों… Read More »

सकारात्मक सोच, खुशहाल जीवन जीने का मूल मंत्र

भगवान द्वारा प्राप्त सबसे मूल्यवान उपहार यह मानव शरीर ही तो है | अन्य जीवों की अपेक्षा भगवान ने मानव को एक ख़ास चीज़ प्रदान की है बुद्धि | बुद्धि(मस्तिष्क) के बल पर मानव असंभव कार्यों को भी संभव कर दिखाता है | एक अच्छा और सुविधाजनक जीवन जीने की कला भी इस बुद्धि की देन है |… Read More »