भगवान श्री गणेश बुद्धि के देव माने गये है और इस संसार में बुद्धि के बल पर हर असंभव कार्य को भी संभव बनाया जा सकता है | हिन्दू धर्म में भगवान श्री गणेश को सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त है इसलिए उनकी पूजा सबसे पहले की जाती है | किसी भी देव या देवी की पूजा-उपासना और अनुष्ठान आदि के समय भी सबसे पहले गणेश जी की ही पूजा की जाती है | जिस जातक पर गणेश जी की कृपा होने लगती है उसका जीवन हर प्रकार के सुखों से परिपूर्ण होने लगता है(Ganesh ji Ko Prasan Karne Ke Upay) |
बुधवार को गणेश जी का वार माना गया है | इसलिए बुधवार के दिन गणेश जी की पूजा करना अधिक फलदायी है | इसके अतिरिक्त गणेश चतुर्थी – गणेश महोत्सव और चौथ के समय भी गणेश जी की पूजा अवश्य ही करनी चाहिए | आज हम आपको गणेश जी को खुश करने के उपाय के विषय में जानकारी देने वाले है :
Ganesh ji Ko Prasan Karne Ke Upay
गणेश जी को प्रसन्न करने के उपाय : –
मोदक या लड्डू : –
गणेश जी को खाने का बहुत शौक है वो भी मीठा इसलिए अधिकतर उन्हें मोदक(लड्डू) का भोग लगाया जाता है | यदि आप भी गणेश जी को प्रसन्न करना चाहते है तो बुधवार की सुबह गणेश जी के मंदिर जाकर उन्हें मोदक का भोग लगाये और अपनी मनोकामना पूर्ति हेतु अरदास लगा दे |
दूर्वा : –
दुर्वा घास की तरह ही दिखाई प्रतीत होती है | शास्त्रों में दूर्वा को अमृत के समान माना गया है | इसमें बहुत से गुण होते है | ग्रहण के समय भी दूर्वा का प्रयोग किया जाता है भोज्य पदार्थों को अशुद्ध होने से बचाने के लिए | दूर्वा द्वारा गणेश जी का पूजन किया जाना चाहिए | कुछ मात्रा में दूर्वा को लेकर उसे गणेश के सिर पर रखना चाहिए | ध्यान दे : दूर्वा को गणेश जी के पैरों में नहीं रखना चाहिए |
सिन्दूर द्वारा गणेश पूजन : –
गणेश भगवान को बहुत सी जगहों पर उनके माथे पर सिन्दूर लगाया जाता है | ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से गणेश जी जातक पर शीघ्र प्रसन्न होते है और उसकी मनोकामना पूर्ण करते है |
मंत्र जप द्वारा : –
घर पर पूर्व दिशा में एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर गणेश जी मूर्ति की स्थापना करें | चौकी के साथ में ही ईशान कोण में एक कलश में जल भरकर रखे | एक पानी वाला नारियल लेकर इसे कलश के ऊपर स्थापित करें | अब बुधवार के दिन से गणेश जी की मंत्र जप द्वारा पूजा शुरू करें | घी का दीपक जलाये | धुप आदि लगाये और मोदक का भोग लगाये |अब पहले गणेश जी के स्तुति मंत्र द्वारा उनका आव्वाहन करें इसके पश्चात मन ही मन नीचे दिए गये मंत्र का जप करना शुरू कर दे | स्तुति मंत्र और मंत्र इस प्रकार से है :
Ganesh ji Ko Prasan Karne Ke Upay
गणेश जी स्तुति मत्रं : –
ॐ गजाननं भूत गणादि सेवितं, कपिल जम्बू फल चारू भक्षणम्।
उमासुतं शोक विनाश कारकं, नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम।।
गणेश मंत्र : –
|| ॐ गं गणपतये नमः ||
आप आपने सामर्थ्य अनुसार मंत्र जप करें | मंत्र जप की अवधि उतनी जी रखे जितने समय तक आप आसानी से मंत्र जप कर सकते हो | मंत्र जप के पश्चात् गणेश जी के सामने नतमस्तक होकर स्थान छोड़ दे | मंत्र जप प्रतिदिन करें और निर्धारित समय पर ही करें | 41 दिन पूरे होने पर एक हवन का आयोजन करके हवन में अधिक से अधिक आहुतियाँ गणेश मंत्र की देनी चाहिए | इस प्रकार से मंत्र जप द्वारा आप गणेश जी को प्रसन्न कर सकते है |
आज हमने आपको गणेश जी को प्रसन्न करने के उपाय के विषय में जानकारी दी है | इनमें से मंत्र द्वारा गणेश आराधना अधिक प्रभावी और फल प्रदान करने वाली है | इसलिए यदि आप भी गणेश जी से कृपा प्राप्त करना चाहते है, बुद्धि और धन चाहते है तो मंत्र जप द्वारा गणेश जी की आराधना करें(Ganesh ji Ko Prasan Karne Ke Upay) |