कलियुग में हनुमान जी की आराधना सबसे अधिक की जाती है | हनुमान जी की आराधना से गृह दोष आदि शांत होते है | सूर्य देव और हनुमान जी दोनों को एक दुसरे का स्वरुप कहा गया है | इसलिए हनुमान जी की आराधना/(Hanuman Pooja ke Niyam)करने से जातक में सूर्य तत्व ( बल , आत्मविश्वास,) आदि का विकास स्वतः ही होने लगता है |
मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी की आराधना के लिए सबसे उपयुक्त दिन माना गया है | मंगलवार को हनुमान जी का जन्म हुआ था | शनिदेव को उन्होंने युद्ध में पराजित किया था | इस पर शनिदेव ने हनुमान जी को वचन दिया जो भक्त शनिवार के दिन हनुमान जी की आराधना करेगा उसे शनि दोष नहीं होगा |
हनुमान जी आराधना करने से जातक शीघ्र ही हनुमान जी की कृपा को प्राप्त करता है | लेकिन हनुमान जी की आराधना करते समय कुछ सावधानियों का ध्यान में रखना अति आवश्यक है |
Hanuman Pooja ke Niyam
ब्रह्मचर्य का पालन : –
हनुमान जी का सम्पूर्ण जीवन भगवान श्री राम की भक्ति को समर्पित था इसलिए सम्पूर्ण जीवन उन्होंने ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए ही व्यतीत किया | जो भी जातक हनुमान जी की आराधना करते है व उनसे आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते है उन्हें ब्रह्मचर्य का पालन अवश्य करना चाहिए | एक शादीशुदा व्यक्ति के लिए यह बहुत कठिन कार्य है इसलिए जिस दिन आप हनुमान जी का व्रत आदि रखते है या कोई विशेष पूजा करते है उस दिन ब्रह्मचर्य का पालन अवश्य करें |
भूलकर भी किसी अन्य स्त्री के प्रति वासना के भाव न रखे | पत्नी के अतिरिक्त सभी अन्य स्त्रियों में बहन और माँ की छवि को देखे | एक विद्यार्थी के लिए यह संभव है कि वह पूर्ण रूप से ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए हनुमान जी की आराधना करें | एक बात का ध्यान दे : यदि वियार्थी भी किसी लड़की को वासना की द्रष्टि से केवल देखता भर है तो भी ब्रह्मचर्य जीवन की कसौटी पर खरा नहीं है |
पवित्रता व साफ़ सफाई : –
हनुमान जी आराधना में पवित्रता व साफ़-सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए | अपने पूजा स्थल को पूर्ण से साफ़ रखे व कभी भी बिना स्नान किये पूजा पर न बैठे | लघुशंका आदि करने के तुरंत बाद हाथ को अच्छे से धोये | स्वस्थ व साफ़ कपड़े पहनकर ही पूजा करें | झूठे हाथों से पूजा स्थल की किसी भी वस्तु को न छुए |
शाकाहारी जीवन :-
मांसाहार करने वाले व्यक्ति हनुमान जी की आराधना भूलकर भी न करें | ऐसे व्यक्ति हनुमान जी आराधना कर केवल और केवल ढोंग दिखावा कर रहे है उन्हें यह ज्ञात नहीं है कि ऐसे व्यक्ति पर हनुमान क्रधित हो उन्हें दण्डित करते है | हनुमान जी की आराधना करने वाले जातक को शाकाहारी जीवन ही व्यतीत करना चाहिए |
सूतक का समय पूजा न करें :-
घर में या परिवार की पीड़ी में किसी की मृत्यु या जन्म होने पर सूतक और स्यावड के कुछ दिन होते है जिनमें किसी भी देव की पूजा करना देवालय में जाना वर्जित होता है | इसलिए इन दिनों में पूजा करने से बचे |
अन्य जानकारी :-
महिलाओं के लिए हनुमान जी की पूजा के नियम :-
हनुमान जी की पूजा/(Hanuman Pooja ke Niyam) के लिए महिलायों के लिए कार्य वर्जित है जैसे : –
- महिलाएं हनुमान जी को वस्त्र व चौला अर्पित न करें | यदि कोई महिला ऐसा करना चाहती है तो वह अपने पति के माध्यम से यह कार्य कर सकती है |
- महिलाएं भूलकर भी हनुमान जी की प्रतिमा को स्पर्श न करें |
- माहवारी के दिनों में महिलायों को किसी भी प्रकार की पूजा नहीं करनी चाहिये | ऐसे में हनुमान जी की भी पूजा करना वर्जित माना गया है |
- महिलायें हनुमान जी को जनेऊ आदि भी अर्पित न करें |