हिन्दू धर्म में पुण्य प्राप्ति हेतु देव आराधना का बहुत महत्व है | देव कृपा प्राप्त करने के लिए उनकी विधिवत पूजा-आराधना व अनुष्ठान किये जाते है | इसके अतिरिक्त मंत्र साधना व हवन(यज्ञ) द्वारा भी अपने आराध्य देव को प्रसन्न किया जाता है | हवन द्वारा देव पूजा अतिशीघ्र फलदायी मानी गयी है | हवन(Havan ka Mahtav) में प्रमुख देवता अग्नि को माना गया है | हवन में डाली गयी सभी आहुतियाँ सीधे देव को प्राप्त होती है | सामने अग्नि प्रज्वलित कर, इस अग्नि के माध्यम से अपने आराध्य देव को हवि पहुचाने की क्रिया ही हवन कहलाती है | इसमें हवि वह पदार्थ है जिसको अग्नि में आहुति के रूप में डाला जाता है | हवन कुंड में प्रज्वलित अग्नि में हवन सामग्री,फल, मिठाई, घी और काष्ट आदि की आहुतियाँ दी जाती है |
हवन में प्रयोग की जाने वाली लकड़ी को समिधा कहा जाता है | समिधा की लड़की में मुख्य रूप से आम, जाटी व पीपल आदि की लकड़ियाँ प्रयोग की जाती है | प्रारम्भ में इस समिधा के माध्यम से ही अग्नि प्रज्वलित की जाती है फिर बाद में हवन सामग्री व घी की आहुतियाँ देकर इस अग्नि को अंत तक प्रज्वलित रखा जाता है |
Havan ka Mahtav :
हवन से मिलने वाले लाभ :-
सबसे उत्तम देव पूजा :-
किसी भी देव की आराधना करने के लिए हवन द्वारा मंत्रो की आहुतियाँ अग्नि देव के माध्यम से सीधे-सीधे देव तक पहुँचती है | प्राचीन काल में किसी भी विकट परिस्थिति से छुटकारा पाने के लिए हवन(यज्ञ) किया जाता था | राजा के युद्ध में विजय प्राप्ति हेतु , किसी भयंकर बीमारी से छुटकारा पाने हेतु , सुखा, बाढ़ आदि से राहत पाने के लिए हवन किये जाते थे | आज के समय में भी बड़े-बड़े राजनेता चुनाव में विजय प्राप्ति हेतु बड़े हवन का आयोजन करवाते है व सफलता भी प्राप्त करते है |
वातावरण की शुद्धि :-
हवन में प्रयोग की जाने वाली सभी सामग्री जैसे ही हवन की अग्नि को समर्पित होती है इससे निकलने वाली धुआं से आस-पास का वातावरण शुद्ध होने लगता है | इस पवित्र धुंए से वातावरण में मौजूद सभी हानिकारक कीटाणु नष्ट होने लगते है व काफी दिनों तक मक्खी,मच्छर और हानिकारक कीटाणुओं से छुटकारा मिलता है |
नकारात्मक शक्तियों से छुटकारा : –
धार्मिक द्रष्टि से हवन कार्य(Havan ka Mahtav) बहुत ही पवित्र माना जाता है | जिस स्थान पर समय-समय पर हवन कार्य होता रहता है उस स्थान से भूत-प्रेत जैसी सभी नकारात्मक शक्तियाँ दूर होने लगती है | ऐसे स्थान पर बुरी शक्तियाँ प्रभावहीन रहती है |
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मनोवांछित फल की प्राप्ति :-
नियमित रूप से हवन(Havan ka Mahtav) कार्य करने से आराध्य देव अतिशीघ्र प्रसन्न होकर आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते है | इसके साथ ही सिद्धियाँ प्राप्त करते समय हवन(यज्ञ) करना आवश्यक माना गया है |