हिन्दू धर्म में धन की देवी माँ लक्ष्मी को माना गया है | जो स्वभाव से बड़ी चंचल होती है इसलिए कहा गया है लक्ष्मी एक स्थान पर अधिक समय तक टिकती नहीं है | आज हम आपको वृषभ और तुला राशि के जातकों के लिए विशेष रूप से माँ लक्ष्मी/(Laxmi Narayan ko Prasann) के समक्ष ऐसी अरदास के बारे में जानकारी देंगे जिसे आप प्रयोग करेंगे तो आपकी मनोकामना अवश्य ही पूर्ण होगी | इस उपाय से लाभ वृषभ और तुला राशी के जातकों को तो विशेष रूप से प्राप्त होता ही है अन्य कोई भी जातक इस प्रयोग को कर सकता है |
वृषभ और तुला राशी :
वृषभ और तुला राशी के स्वामी शुक्र गृह है और शुक्र गृह की अधिपति माँ लक्ष्मी को माना गया है | इसलिए वृषभ और तुला राशी के जातक अगर माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करते है तो उनकी मनोकामना अतिशीघ्र पूर्ण होती है | माँ लक्ष्मी के साथ-साथ भगवान विष्णु की भी आराधना स्वतः ही हो जाती है | तो आइये जानते है वृषभ और तुला राशी के जातक किस प्रकार से माँ लक्ष्मी से अरदास लगायेंगे |
Maa Laxmi Narayan ko Prasann kaise karen
लक्ष्मी-नारायण मंदिर में अरदास लगाने की विधि : –
विशेष रूप से वृषभ और तुला राशी के जातक शुक्रवार के दिन इस अरदास को लगाये | शुक्रवार की सुबह एक पानी वाला नारियल ले ले | इस नारियल पर माँ की लाल चुनरी लपेट ले, अब इसके ऊपर लाल धागा लपेट ले | साथ में 11 रुपये रख ले | एक फूलों का हार खरीद ले | अब इन सभी सामग्री के साथ लक्ष्मी-नारायण के मंदिर जाए | सभी सामग्री को हाथ में लेते हुए माँ लक्ष्मी और नारायण भगवान का ध्यान करते हुए बोले – हे माँ लक्ष्मी मैं( अपना नाम बोले) आपके चरणों में आ गया हूं, मेरी मनोकामना( जो भी मनोकामना हो वो बोल दे) पूर्ण करें |
इसके पश्चात् वहां पुजारी के माध्यम से फूलों का हार माँ लक्ष्मी-और भगवान नारायण के गले में एक साथ पहना दे | यह कार्य पुजारी के माध्यम द्वारा ही करे | यदि आप यह कार्य करते है तो फूलों के हार को आप लक्ष्मी-नारायण के हाथों में या उनके चरणों में समर्पित करें | नारियल और 11 रूपये को लक्ष्मी-नारायण के चरणों में समर्पित करें | कुछ समय के लिए वहां बैठकर माँ का ध्यान करें और वापिस सीधे घर आ जाये | इस प्रकार आप इस अरदास को लगातार 5 शुक्रवार तक करें |
इस प्रकार माँ लक्ष्मी-नारायण/(Laxmi Narayan ko Prasann) मंदिर में अरदास लगाने से जातक की मनोकामना अवश्य ही पूर्ण होती है | वृषभ और तुला राशी के जातकों को तो अवश्य ही इस कार्य को करना चाहिए | अन्य सभी जातक भी अपनी इच्छा पूर्ति हेतु माँ के समक्ष इस अरदास को लगा सकते है |