जिस प्रकार से हिन्दू धर्मं में चार वेद – रामायण – भगवत गीता – शिव महापुराण – विष्णु पुराण को आनादि ग्रन्थ माना गया है ठीक वैसे ही श्री दुर्गा सप्तशती भी अनादि ग्रंथ है जो माँ दुर्गा की महिमा का गुणगान करता है | दुर्गा सप्तशती में 700 श्लोकों का वर्णन मिलता है जिसमें माँ दुर्गा के तीन स्वरुप महाकाली – महालक्ष्मी और माँ सरस्वती का वर्णन मुख्य रूप से देखा गया है | दुर्गा सप्तशती में कुल 13 अध्याय है | जिसमें पहले अध्याय में माँ काली की स्तुति की गयी है | दूसरें से चौधे अध्याय में माँ लक्ष्मी जी की स्तुति का वर्णन मिलता है और पांचवे अध्याय से लेकर 13वे अध्याय तक माँ सरस्वती की महिमा का वर्णन मिलता है |
दुर्गा सप्तशती पाठ :
श्री दुर्गा सप्तशती पाठ माँ दुर्गा की उपासना हेतु किया जाने वाला सबसे लोकप्रिय माध्यम है | इस पाठ के अनुष्ठान से बड़े से बड़े संकट दूर होते है | श्री दुर्गा सप्तशती पाठ में सभी श्लोक संस्कृत में होने के कारण उच्चारण में थोड़ी कठिनाई अनुभव हो सकती है | किन्तु थोड़े अभ्यास से आप इसके उच्चारण में सफल होने लगते है | श्री दुर्गा सप्तशती पाठ को विधिपूर्वक करना चाहिए | आप चाहे तो किसी योग्य पंडित से इस पाठ का अनुष्ठान भी करा सकते है |
Durga Saptashati Path Vidhi
श्री दुर्गा सप्तशती पाठ करने की विधि :
माँ दुर्गा के इस पवित्र ग्रन्थ द्वारा माँ की उपासना आप किसी भी शुभ दिन व शुभ समय में शुरू कर सकते है | नवरात्रि के समय में दुर्गा सप्तशती पाठ का अनुष्ठान सबसे अधिक फल देने वाला माना गया है |
पूर्व दिशा की तरफ एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर माँ दुर्गा की फोटो की स्थापना करें | सामने आसन बिछाकर बैठ जाये | आपका मुख अब पूर्व दिशा की तरफ होना चाहिए | सबसे पहले अपने आस पास जल का छिडकाव करते हुए जगह को पवित्र करें | अब गणेश जी के स्तुति मंत्र द्वारा उनकी उपासना करें | कलश में रखे जल का वरुण देव के रूप में पूजन करें | अब नवग्रहों का पूजन करना चाहिए और दीप देव का पूजन करें |
ऐसा माना गया है कि दुर्गा शप्तशती के मन्त्रों और श्लोंको को ब्रह्मा जी , वशिष्ठ व विश्वामित्र ऋषि द्वारा शापित किया गया है | इसलिए दुर्गा सप्तशती पाठ करने से पहले इसे शाप मुक्त किया जाता है | इसके लिए ब्रह्मा जी , वशिष्ठ और विश्वामित्र के विशेष मंत्रो का जप किया जाता है | Durga Saptashati Path Vidhi
दुर्गा सप्तशती को शाप मुक्त करने के उपरांत अब आप संकल्प लेकर पाठ का उच्चारण शुरू कर सकते है | पाठ के उच्चारण में कोई त्रुटी न करें | यदि आप संस्कृत नहीं जानते है तो हिंदी में ही आप इसे पढ़ सकते है | यह जरुरी नहीं की आप इस पाठ को एक दिन में ही सम्पूर्ण करें | आप अपने निश्चित दिनों की संख्या बनाकर इसे एक से अधिक दिन में पूर्ण कर सकते है | यदि आप स्वयं से ही इस पाठ का आयोजन करते है तो इसे 5 -7 या 9 दिन में पूर्ण करें |
जो लोग समय के अभाव रहते दुर्गा सप्तशती का पाठ नहीं कर सकते वे सिद्ध कुंजिका स्त्रोत का पाठ कर सकते है | यह छोटा भी है और पूर्ण फल देने वाला भी | दुर्गा सप्तशती पाठ सम्पूर्ण होने पर कन्याओं को भोजन अवश्य कराये व दक्षिणा दे |
दुर्गा सप्तशती पाठ करने के लाभ :
माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त करने के लिए श्री दुर्गा सप्तशती पाठ द्वारा उनकी आराधना करना सर्वोतम मार्ग है | यदि आप किसी रोग से पीड़ित है या कर्जवान हो गये है तो दुर्गा सप्तशती के पाठ से आपको अवश्य लाभ मिलता है | घर में सुख-शांति और व्यापार में वृद्धि हेतु भी इस पाठ से लाभ मिलता है | विद्यार्थी परीक्षा में सफलता हेतु इस पाठ को कर सकते है | इस पाठ के करने से माँ सरस्वती की कृपा उन पर बनी रहती है |