प्राचीन काल भैरव मंदिर, काशी ! भैरव भक्त इस मंदिर के एक बार दर्शन जरुर करें |

By | January 28, 2018

काशी, वाराणसी का हिन्दू धरम में बहुत महत्व है | काशी को भगवान शिव की प्रिय नगरी कहा गया है | यहाँ भगवान शिव विश्वनाथ के रूप में विराजमान है | और कुछ ही दूरी पर काल भैरव का प्राचीन मंदिर भी अपनी मान्यताओं के लिए बहुत प्रसिद्द है | वैसे तो काशी को मंदिरों की नगरी कहा गया है | यहाँ जगह-जगह पर अनगिनत मंदिर/mandir है किन्तु विशेष रूप से काशी विश्वनाथ , काल भैरव और माँ विशालाक्षी देवी मंदिर व गंगा के घाट बहुत प्रसिद्द है | काल भैरव का यह मंदिर(Kaal Bhairav Mandir Kashi) काशी में वाराणसी कैन्ट से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है | काशी के काल भैरव/Bhairav को काशी का कोतवाल कहा गया है |

kaal bhairav mandir kashi

ऐसी मान्यता है कि काशी के काल भैरव काशी वाशियों को उनके पापों का दण्ड देते है वैसे तो हर दिन यहाँ बाबा के दर्शन हेतु भक्तों की भीड़ रहती है किन्तु सप्ताह के मंगलवार और रविवार के दिन बाबा के दर्शन हेतु बड़ी संख्या में भक्त आते है | यहाँ भी उज्जैन की तरह ही बाबा को प्रसाद रूप में मदिरा का भोग लगाया है |

काल भैरव मंदिर/mandir में यहाँ बाबा की कृपा से भूत-प्रेत और ऊपरी बाधाओं से पीड़ित रोगी ठीक हो जाते है | मंदिर के प्रांगण में बाबा की कृपा से धारण किया गया काल धागा उनकी हर प्रकार से रक्षा करता है |

काशी में स्थित काल भैरव मंदिर/kaal bhairav mandir की मान्यता इतनी अधिक है कि विश्वनाथ जी के दर्शन के बाद काल भैरव के दर्शन करना अनिवार्य है अन्यथा विश्वनाथ जी के दर्शन का पूर्ण प्रतिफल नहीं मिलता |

अन्य जानकारियाँ :-

Kaal Bhairav Mandir Kashi 

काशी काल भैरव मंदिर – पौराणिक कथा : –

पौराणिक कथा अनुसार, एक बार ब्रह्मा जी के पांच मुख में से एक ने भगवान शिव की निंदा कर दी, काल भैरव इस निंदा से क्रोधित हो उठे और अपने नाखूनों से ब्रह्मा जी के उस मुख को नोंच दिया, ऐसा करने से काल भैरव के नाखून पर ब्रह्मा जी के मुख का कुछ अंश चिपका रह गया और हर प्रयत्न के बाद भी वे उस अंश को अपने नाखून से अलग नहीं कर पायें | इसके साथ ही काल भैरव पर ब्रह्म हत्या का दोष भी लग गया | काल भैरव ने ब्रह्म हत्या के दोष से मुक्ति पाने के लिए हर संभव प्रयास किये व जगह-जगह भ्रमण किया | आखिर में भगवान विष्णु ने उन्हें काशी में आने को कहा और यहाँ आकर काल भैरव(Kaal Bhairav Mandir Kashi) को ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्ति मिल गयी और वे यही विराजमान हो गये |