पितृ दोष दूर करने का सरल उपाय

By | July 15, 2020

हिन्दू धर्म में पितृ को एक परिवार के छोटे देव के रूप में माना गया है | सामान्य मान्यताओं के अनुसार हमारे घर-परिवार में जो कोई भी मरता है वह पितृ बनकर अद्रश्य रूप में हमारे परिवार की रक्षा करता है | एक धारण यह भी है कि पितृ का रूप सिर्फ वे ही लेते है जो अकाल मृत्यु मरते है | उनकी जीवन आयु पूर्ण होने तक वे पितृ के रूप में परिवार की रक्षा करते है |

पितृ एक परिवार की वह शक्ति है जो न केवल अद्रश्य रूप से परिवार की बाहरी शक्तियों से रक्षा करती है बल्कि समय-समय पर वे भोग भी स्वीकार करते है | वर्ष में एक बार पितृ पक्ष के समय उन्हें भोजन व वस्त्र अर्पित कर प्रसन्न किया जाता है | समय पर भोग न मिलने पर और परिवार द्वारा पितृ के अस्तित्व को स्वीकार न करने पर उनका प्रकोप उस परिवार क अहित भी करने लगता है |

घर में पितृ दोष का पता कैसे लगाये ?

पितृ एक अद्रश्य दैवीय शक्ति है | भौतिक रूप से इनका कोई अस्तित्व न होने से पितृ दोष की सीधे पहचान करना मुश्किल है | किन्तु घर में होने वाली आकस्मिक घटनाओं के आधार पर पितृ दोष के विषय में अनुमान अवश्य लगाया जा सकता है |

घर में पितृ दोष होने पर सबसे पहले इसका प्रभाव घर के पशुओं पर आने लगता है | पशु बीमार होने लगते है | दूध देना बंद कर देते है | पशु की आकस्मिक मृत्यु हो जाती है | इसके अतिरिक्त पितृ दोष का सीधा प्रभाव घर के वाहन जैसे : बाइक – कार आदि पर पड़ता है | वाहन का बार एक्सीडेंट हो जाना घर में पितृ दोष को प्रकट करता है |

एक समय पश्चात् भी यदि पितृ दोष घर में बना रहता है तो घर में आपसी कलह रहने लगता है | परिवार के सदस्यों में आपसी प्रेम बिखरने लगता है | परिवार बीमारी का घर बनने लगता है |घर में अचानक आर्थिक संकट आना भी पितृ दोष के लक्षण हो सकते है |

Pitra Dosh Upay :

Pitra Dosh Upay

पितृ दोष दूर करने का सरल उपाय :

एक कांसे का कटोरा लेकर उसे सूखी राख से अच्छे से साफ़ कर ले | इस कटोरे के मध्य भाग में अपने हाथ की बीच की दो उँगलियों से घी द्वारा स्वास्तिक बनाये | इस स्वास्तिक के ऊपर 5 रूपये का सिक्का रख दे | अब इस कटोरे को गेंहू द्वारा भर दे |

एक बिना पानी वाला नारियल जिसे हिलाने पर उसमें आवाज आती हो, लेकर इसके ऊपर एक सफ़ेद कपड़े को लपेट दे | इस नारियल को कपड़े को इस कटोरे के ऊपर रखे दे |

घर में एक ऐसे स्थान का चुनाव करें जो पूजा स्थल से अलग हो और थोडा उचाई पर हो | इस स्थान में सबसे पहले इस कटोरे और नारियल को दाई तरफ रख दे | एक मिटटी के घड़े में पानी भरकर इसे भी इस स्थान पर बायीं तरफ रख दे | बीच में मिटटी के दीये में घी का दीपक जलाये | और अपने पितृ देव का स्मरण करें | उनसे घर में सुख-शांति बनाये रखने की नियमित रूप से अरदास लगाये |

पितृ देव के स्थान पर प्रतिदिन घी का दीपक संध्या के समय लगाया करें | यह कार्य परिवार का मुखिया करे तो सर्वोतम है | मुखिया की अनुपस्थिति में कोई भी इस दीपक को जला सकता है | घर की महिलाएं इस कार्य को करते समय घूंघट करे |

पितृ देव के इस स्थान पर एक पर्दा लगाये | दीपक लगाते समय पर्दा हटा दे | बाद में दीपक भुजने पर फिर से पितृ देव के इस स्थान पर पर्दा ढक दे | यह कार्य नियमित रूप 41 दिनों तक करने से घर में सुख-शांति आने लगती है | परिवार के पितृ देवों को इस कार्य से बल मिलता है वे प्रसन्न होते है | 41 दिनों के बाद यदि आप चाहे तो इस कार्य को नियमित रूप से जारी रख सकते है |

समय-समय पर घड़े का पानी बदलते रहे | कांसे के पात्र के गेंहू को, 5 रूपये के सिक्के और नारियल को भी बदलते रहे | नारियल और 5 रूपये को आप किसी मंदिर में चढ़ा सकते है | गेंहू को पक्षियों को डाल सकते है | जल को किसी पौधे में डाल सकते है |

घर से पितृ दोष दूर करने का यह सबसे प्रभावी उपाय है | इस उपाय से पितृ देव प्रसन्न होते है और घर में चमकारिक ढंग से खुशहाली आने लगती है | इस कार्य के साथ-साथ अमावश्य के दिन पितृ देव की पूजा करें उन्हें भोग अर्पित करें | पितृ पक्ष आने पर ब्राहमण को भोजन कराकर वस्त्र व दक्षिणा पितृ देव के नाम से अर्पित करें |