कष्ट निवारक सिद्ध हनुमान शाबर मंत्र और प्रयोग विधि

By | July 17, 2020

जहाँ मंत्रो की शक्ति की बात होती है वहाँ शाबर मंत्र को प्राथमिकता दी जाती है | शाबर मंत्र , वैदिक मंत्र और बीज मंत्र की अपेक्ष शीघ्र परिणाम देते है | शाबर मंत्र स्वतः ही सिद्ध होते है | बस इन्हें प्रयोग से पूर्व जाग्रत करने की आवश्यकता होती है | शाबर मंत्र का प्रयोग सटीक और शीघ्र परिणाम देता है |

सभी शाबर मंत्र गुरु गोरखनाथ जी द्वारा सिद्ध किये गये है | अधिकांश शाबर मंत्रो की रचना भी गुरु गोरखनाथ जी द्वारा ही की गयी है | आज के आधुनिक समय में शाबर मंत्रो का प्रयोग अधिक किया जाने लगा है | मुख्य रूप से शाबर मंत्र : वशीकरण करने , मारण , उच्चाटन , सम्मोहन , कष्ट निवारण और रक्षा हेतु अधिक प्रयोग में लाये जाते है |

बहुत से ऐसे शाबर मंत्र है जो हनुमान जी को समर्पित है | शाबर मंत्रो में देहाती शब्दों का अधिक प्रयोग किया जाता है जो किसी देव को दुहाई देकर या वचन के माध्यम से भक्त का कार्य सिद्ध करने के लिए बाध्य करते है |

kasht nivarak shabar mantra

कष्ट निवारक हनुमान शाबर मंत्र : –

हनुमान जी का यह शाबर मंत्र भक्त के सभी कष्टों को दूर करने वाला है | जीवन में किसी भी प्रकार के कष्ट क्यों न हो इस शाबर मंत्र के प्रयोग द्वारा भक्त न केवल स्वयं के कष्ट दूर कर सकते है बल्कि दुसरे लोगों के जीवन को भी सुखमय बना सकते है |

ॐ नमो भगवते, चिंतामणि हनुमान 

अंग – शूल , अति – शूल 

कटि – शूल , कुक्षी – शूल 

गुद – शूल , मस्तक – शूल 

सर्व – शूल , निर्मूलय 

निर्मूलय , कुरु -कुरु स्वाहा ||

हनुमान जी के इस शाबर मंत्र का जप 21 से 41 दिन के लिए करना चाहिए | मंत्र जप की संख्या आप अपने सामर्थ्य अनुसार निश्चित कर सकते है | संकल्प लेकर नियमित रूप से इस शाबर मंत्र के जप करने चाहिए | प्रतिदिन मंत्र का जप एक निश्चित समय पर ही करना चाहिए | शनिवार के दिन से आप इस मंत्र का जप शुरू कर सकते है |

21 या 41 दिन पूर्ण होने पर हवन का आयोजन करें | हवन में अधिक से अधिक आहुतियाँ इस मंत्र की देनी चाहिए | हवन की विभूति को संग्रहित करके घर में रख ले | जब भी इस मंत्र का प्रयोग करना हो, हाथ में थोड़ी विभूति लेकर हनुमान जी से अपने कार्य की अरदास लगाते हुए उपरोक्त मंत्र को 7 बार पढ़कर विभूति पर फूंक लगाये | अब इस विभूति को गंगाजल में मिलाकर पी ले | इसे आप किसी अन्य व्यक्ति के लिए भी प्रयोग कर सकते है |

किसी अन्य व्यक्ति के लिए इस मंत्र का प्रयोग करते समय उस व्यक्ति के नाम से अरदास लगानी चाहिए | इस विधि को कम से कम तीन बार प्रयोग करना चाहिए | स्वयं भी हनुमान जी के नियमों का पालन करना चाहिए और जिस व्यक्ति के लिए आप इस मंत्र का प्रयोग करते है उसे भी इन नियमों का पालन करने को कहे |