Category Archives: ज्योतिष शास्त्र

गुरु दशा में हल्दी गांठ का महत्व व हरिद्रा गणपति

हल्दी को ब्रहस्पति(गुरु) का मूल माना जाता है | ब्रहस्पति(गुरु) से अधिक शुभ गृह दूसरा नहीं है | जन्मकुंडली में ब्रहस्पति थोडा भी शुभ स्थिति में है और जातक को उसकी महादशा मिल जाए तो व्यक्ति उस दशा में चौतरफा उन्नति करता है | वैसे अधिकतर पाया जाता है कि यदि ब्रहस्पति(c)शुभ नहीं है तब भी उसकी महादशा… Read More »

पुखराज रत्न की विशेषताएं | पुखराज धारण करने से पूर्व ये जानकारी अवश्य पढ़ ले

ब्रहस्पति के प्रसिद्द रत्न पुखराज को जनमानस का रत्न भी कहा गया है | ब्रहस्पति चूँकि आकाश मंडल का विशालतम गृह है | अतः इसे ग्रहों के गुरु की पदवी प्राप्त है | इसलिए ही ब्रहस्पति का एक प्रसिद्द नाम गुरु भी है | प्रायः आम जन में इसे गुरु के नाम से पुकारा जाता है | यह… Read More »

काले घोड़े की नाल से बनी Ring के लाभ एवं धारण करने की विधि

ज्योतिष शास्त्र में गृह के दोषों और उनके उपाय हेतु नवरत्न और उनके उपरत्नो का बड़ा महत्व माना गया है | इनके साथ ही एक लोहे धातु से बनने वाली साधारण सी दिखाई देने वाली Ring भी इसी श्रेणी में आती है | यद्यपि रत्नों की भांति यह थोड़ी सस्ती वस्तु दिखाई देती है किन्तु शनि की साढ़े… Read More »

जन्म कुंडली न होने पर किस प्रकार करें ज्योतिष समाधान ?

ज्योतिष शास्त्र में जातक की समस्याओं का कारण और उनका निवारण मिलता है | किन्तु यह तभी संभव हो पाता है जब जातक को अपने जन्म के विषय में ठीक-ठीक जानकारी पता हो जैसे जन्म की तारीख ,सही समय और जन्म का स्थान आदि | इन सब के आधार पर भी जातक की लग्न कुंडली/(Bina Janam Kundali ke… Read More »

शुक्र गृह के प्रभाव और उपाय | प्रेम संबंध और वैवाहिक जीवन में अनबन का मुख्य कारण

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार एक जातक के जीवन में स्त्री सुख का कारक गृह शुक्र गृह है | शुक्र गृह के प्रभाव से ही जातक अपने प्रेम संबंध और वैवाहिक जीवन में सुख प्राप्त करता है | इसके साथ ही सुंदर व्यक्तित्व और धन-सम्पति का कारक भी गृह शुक्र गृह ही है | शुक्र गुरु को दैत्यों का… Read More »