हाथ से बनाये यंत्र और बाज़ार के यंत्र, दोनों में कौन से अधिक प्रभावी होते है ?

By | September 14, 2020

रेखाओं, अंको और बीज मन्त्रों का एक ऐसा योग जो किसी विशेष देव के लिए समर्पित हो, यंत्र कहलाता है | यंत्र के महत्व को यदि हम सामान्य शब्दों में समझने का प्रयास करें तो हम ऐसा कह सकते है कि यंत्र एक प्रकार से भक्त और देव के बीच संचार माध्यम का कार्य करता है | सभी देवों के लिए पृथक-पृथक यंत्रों का उल्लेख मिलता है |

आज हम यह जानने का प्रयास करेंगे कि यंत्र को हाथ से निर्मित करने पर यह अधिक प्रभावी होता है या मशीन द्वारा बनाने पर यह अधिक कार्य करता है | कौन सी धातु पर या कागज़ पर यंत्र अधिक सक्रिय होता है और कौन से देव का यंत्र अधिक शक्तिशाली है |

हाथ द्वारा बनाये यंत्र V/s मशीन द्वारा निर्मित यंत्र :

मशीन द्वारा धातु पर निर्मित यंत्र की अपेक्षा हाथ द्वारा बनाये गये यंत्र निसंदेह अधिक प्रभावी होते है | किसी यंत्र का निर्माण किस व्यक्ति द्वारा किया गया है ?, किस भाव से किया गया है, किस स्थान पर बैठकर किया गया है, किस नक्षत्र में व किस मुहूर्त में किया गया है और किस सामग्री द्वारा किया गया है ये सभी बातें यंत्र के निर्माण के समय बहुत महत्व रखती है |

hath dwara banaye yantra or bajar ke yantra

मशीन द्वारा निर्मित यंत्र को बनाते समय उपरोक्त बातों को ध्यान में नहीं रखा जाता, इसलिए ऐसे यंत्र प्रभावहीन हो सकते है | हाथ से बनाये यंत्र भी प्रभावहीन हो सकते है यदि उनका निर्माण गलत विधि द्वारा व अशुभ समय में किया गया हो |

हाथ द्वारा यंत्र का निर्माण किस कागज पर और किस प्रकार से करना चाहिए :

शास्त्रों में भोजपत्र पर अष्टगंध मिली स्याही द्वारा अनार की कलम से यंत्र लिखने का विधान मिलता है | जो यंत्र भोजपत्र पर विधिअनुसार बनाये जाते है वे सबसे अधिक शक्तिशाली होते है | यंत्र को बनाते समय ईष्टदेव के प्रति पूर्ण विश्वास और श्रद्धा भाव रखे और उनका स्मरण करते हुए यंत्र का निर्माण करें | यंत्र बनाने का शुभ दिन और शुभ मुहूर्त यंत्र की प्रकृति पर निर्भर करता है कि किस देव या देवी का यंत्र बनाया जा रहा है | यह भिन्न-भिन्न हो सकता है |

यंत्र का निर्माण यदि किसी कागज पर किया जाता है तो वह भी बाजार में मिलने वाले मशीनों द्वारा निर्मित यंत्रों की अपेक्षा अच्छे परिणाम दे सकते है संभवतः यंत्र का निर्माण ईष्ट देव के प्रति पूर्ण विश्वास और श्रद्धा भाव रखकर किया गया हो |

कौन से देव या देवी का यंत्र अधिक प्रभावशाली है :

कुछ भक्तों के मन में यह प्रश्न उठता होगा कि सभी यंत्रों में सबसे शक्तिशाली यंत्र कौन सा है | आइये जानते है : सबसे शक्तिशाली यंत्र सभी जातकों के लिए अगल-अलग हो सकते है, क्योंकि यंत्र कोई भी छोटा या बड़ा नहीं होता है, यंत्र सभी महाशक्तिशाली ही होते है बस ध्यान देने वाली बात यह है कि यंत्र का निर्माण कैसे किया गया है और यंत्र की प्राण-प्रतिष्ठा कैसे हुई है ?

आपके लिए सबसे शक्तिशाली यंत्र आपके ईष्ट देव का है | जैसे आपके ईष्ट देव हनुमान जी है तो श्री हनुमान यंत्र आपके लिए शक्तिशाली है | आपके किसी दोस्त के ईष्ट देव गणेश जी है तो श्री गणेश यंत्र उनके लिए सबसे शक्तिशाली यंत्र है |

निष्कर्ष में : प्रथम, हमारे लिए सबसे शक्तिशाली यंत्र हमारे ईष्टदेव का है | दूसरा, यंत्र का निर्माण हाथ द्वारा शुभ समय में किया होना चाहिए | तीसरा, यंत्र की प्राण-प्रतिष्ठा ठीक से की जानी चाहिए | और अंतिम, यंत्र को पूजा-स्थल पर स्थापित करने के उपरांत प्रतिदिन उसका पूजन अनिवार्य है |