वर्ष में चार बार नवरात्रि का समय आता है जिसमें से 2 बार गुप्त नवरात्रि आते है गुप्त नवरात्रि के समय जो साधक शक्ति की उपासना करना चाहते है वे इसी समय का चुनाव करते है | शेष 2 नवरात्रि को सम्पूर्ण भारत वर्ष में हर घर में एक पर्व के रूप में मनाया जाता है | यह एक व्यक्ति के भक्ति भाव और श्रद्दा भाव पर निर्भर करता है कि नवरात्रि के इस पावन पर्व को कितना महत्व देता है | आज हम आपको नवरात्रि में माँ दुर्गा पूजा(Navratri Puja Vidhi) से जुड़ी कुछ विशेष बातों के विषय में जानकारी देने वाले है |
नवरात्रि के समय माँ दुर्गा के साथ-साथ जो साधक भैरव और हनुमान जी या फिर अपने ईष्ट देव की उपासना करते है उन्हें भी विशेष रूप से फल की प्राप्ति होती है | वैसे तो इस भागदौड़ से भरे जीवन में पूजा-पाठ का समय सभी के लिए देना थोड़ा मुश्किल हो जाता है लेकिन फिर भी नवरात्रि के दिनों में तो सभी माँ की उपासना(Navratri Puja Vidhi) अपने-अपने श्रद्धा भाव से करते ही है | तो आइये जानते है नवरात्रि के समय माँ की उपासना में किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए : –
Navratri Puja Vidhi
नवरात्रि में ध्यान रखने योग्य बातें : –
- नवरात्रि के समय माँ की चौकी की स्थापना पूर्व दिशा की तरफ करनी चाहिए |
- नवरात्रि के 9 दिनों में सुबह और शाम दोनों समय माँ की आराधना करनी चाहिए |
- इन दिनों में पूजा का समय एक ही रखे | जैसे यदि सुबह आप 8 बजे पूजा करते है और शाम को 7 बजे तो प्रतिदिन ठीक इसी समय पर पूजा करें | समय में परिवर्तन न करें |
- नवरात्रि के दिनों में अपने घर को पूर्ण रूप से साफ़-सुथरा रखे |
- इस पर्व के दौरान पूर्ण रूप से ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और शरीर की साफ़-सफाई का विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए |
- नवरात्रि के दिनों में घर दे द्वार पर आया कोई भी भिखारी या पशु आदि को दुत्कारे नहीं कुछ न कुछ अवश्य खिलाये |
- स्वयं को मन से, विचारों से और कर्मों से इन दिनों में शुद्ध बनाये रखना चाहिए |
Navratri Puja Vidhi
नवरात्रि में माँ दुर्गा पूजा विधि : –
पूर्व दिशा में एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर माँ दुर्गा की मूर्ति या फोटो स्थापित करें | एक कटोरी में थोड़े चावल डालकर उसमें एक मिट्टी की डली पर लाल धागा लपेटकर गणेश जी की स्थापना करें | ईशान कोण(उत्तर व पूर्व दिशा के मध्य का भाग) में एक मिटटी के क्लश में पानी भरकर रख दे उस पर एक नारियल पर लाल कपडा लपेटकर, लाल धागे से बांधकर रख दे | अब माँ दुर्गा की फोटो के सामने नीचे जमीन पर एक घी का दीपक प्रज्वलित करें साथ में धुप आदि भी लगाये |
अब आप सामने आसन बिछाकर बैठ जाये व दायें हाथ में थोडा जल लेकर सकल्प ले :- हे परमपिता परमेश्वर, मै(अपना नाम बोले) गोत्र(अपना गोत्र बोले) अपने कार्य की पूर्णता हेतू माँ दुर्गा की यह पूजा कर रहा हूँ मेरे कार्य में मुझे सफलता प्रदान करें | ऐसा कहते हुए हाथ के जल को नीचे जमीन पर छोड़ दे(Navratri Puja Vidhi) |
अब सर्वप्रथम गणेश जी को कुमकुम द्वारा तिलक करें अक्षत अर्पित करें, फिर माँ दुर्गा को तिलक करें और अक्षत अर्पित करें फिर पानी के कलश(वरुण देव) को तिलक करें और अक्षत अर्पित करें | इसी प्रकार से सभी देवों को आप पुष्प अर्पित करें और मिष्ठान आदि अर्पित करें |
अब अपनी आँखे बंद करके माँ का ध्यान करते हुए कुछ समय के लिए इस मन्त्र के मन ही मन जप करें : “ ऊँ ह्रीं दुं दुर्गायै नम ” |
नवरात्रि में माँ दुर्गा साधना :-
नवरात्रि के इस पवित्र पर्व के समय आप अधिक से अधिक मंत्र जप द्वारा माँ की साधना भी कर सकते है | सुबह और शाम दोनों समय एक निश्चित समय का चुनाव करें | अब इस समय पर ऊपर दी गयी विधि अनुसार संकल्प लेकर माँ के मंत्र जप शुरू कर दे | मंत्र इस प्रकार से है : ॐ एं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे | इस मंत्र की अधिक से अधिक माला का जप करें |
मंत्र जप पूर्ण होने पर दायें हाथ में थोड़ा जल लेकर इस प्रकार बोले : हे परमपिता परमेश्वर मैंने( अपना नाम बोले) ये जो मंत्र जप किये है इन्हें मैं अपने कार्य की पूर्णता हेतु श्री ब्रह्म को अर्पित करता हूँ | ऐसा कहते हाथ के जल नीचे जमीन पर छोड़ दे | पूरे 9 दिनों तक इसी प्रकार से माँ के मंत्र करें(Navratri Puja Vidhi) | ऐसा करने से जो भी मनोकामना रखते हुए आप मंत्र जप करते है वह अवश्य ही पूर्ण होती है | अंतिम दिन हवन का आयोजन अवश्य करना चाहिए और हवन में अधिक से अधिक आहुतियाँ माँ के मंत्र की देनी चाहिए |