हम जिस वातावरण में रहते है वहाँ दो तरह की उर्जा हमेशा हमारे आस-पास रहती है | या हम कह सकते है कि उर्जा को दो भागों में बांटा गया है 1. सकारात्मक उर्जा/Positive Energy 2. नकारात्मक उर्जा/Negative Energy | सकारात्मक उर्जा जिसके संपर्क में आने पर व्यक्ति उर्जावान महसूस करता है | आत्म-विश्वास से भर जाता है | उसके विचारों में शक्ति आने लगती है | इसके विपरीत नकारात्मक उर्जा : नकारात्मक उर्जा वाले स्थान के संपर्क में आने पर व्यक्ति क्षीण महसूस करने लगता है | उसके विचार कमजोर होने लगते है | आत्म-विश्वास कमजोर होने लगता है | आप स्वयं को बीमार भी महसूस कर सकते है |
सकारात्मक उर्जा//Positive Energy और नकारात्मक उर्जा दोनों के बीच अन्तर तो आप समझ ही गये होंगे | अब प्रश्न यह उठता है कि सकारात्मक उर्जा का स्थान और नकारात्मक उर्जा का स्थान बनता कैसे है ? या कहे : किसी स्थान पर सकारात्मक उर्जा तो किसी स्थान पर नकारात्मक उर्जा यह कैसे होता है, आइये जानने का प्रयास करते है :
ऐसा स्थान जहाँ पर कोई व्यक्ति विशेष या फिर एक से अधिक व्यक्तियों का आना जाना हो, यदि उस स्थान पर आने वाले व्यक्ति सकारात्मक सोच के साथ आते है तो यही सकारात्मक सोच, उस स्थान के साथ सकारात्मक उर्जा के रूप में लम्बे समय तक बनी रह जाती है | अब यदि कोई अन्य व्यक्ति ऐसी जगह पर नकारात्मक सोच के साथ भी आता है तो उस स्थान की सकारात्मक उर्जा उसे अपने प्रभाव में लेकर उस व्यक्ति की नकारात्मक सोच को समाप्त कर देती है |
Positive Energy Sources in Hindi :
नकारात्मक उर्जा वाले स्थान पर भी ठीक ऐसा ही होता है | जिस स्थान पर लोग नकारात्मक सोच लेकर जाते है ऐसा स्थान लम्बे समय तक नकारात्मक उर्जा के प्रभाव में रहता है | ऐसे स्थान पर सकारात्मक सोच लेकर जाने वाले व्यक्ति भी स्वयं को कमजोर, क्षीण, असहाय और बीमार समझने लगते है यानि नकारात्मक उर्जा उन्हें अपने प्रभाव में ले लेती है |
सकारात्मक उर्जा कहाँ रहती है :
सकारात्मक और नकारात्मक उर्जा/Negative Energy वाले स्थान किसी घर में हो सकते है या घर के किसी एक छोटे से स्थान में हो सकते है या फिर बाहर किसी पार्क में या चौक में या मंदिर में, मस्जिद में या चर्च में, या डॉक्टर के केबिन में या किसी धर्म गुरु के प्रवचन कक्ष में या कब्रिस्थान में या शमशान में हो सकते है | ये सभी स्थान स्वयं में सकारात्मक या नकारात्मक उर्जा दोनों में से किसी एक के प्रभाव में अवश्य हो सकते है |
सकारात्मक उर्जा//Positive Energy के स्थान कहाँ हो सकते है : मंदिर – मस्जिद या फिर चर्च या कोई भी सिद्ध स्थान हो ऐसे स्थान पर सदैव सकारात्मक उर्जा का वास होता है | यहाँ आने वाले लोग सकारात्मक सोच के साथ यहाँ से वापिस जाते है | इसके साथ ही किसी सत्संग भवन का कक्ष भी सकारात्मक उर्जा से परिपूर्ण रहता है | स्कूल या कॉलेज जैसी जगह भी सकारात्मक उर्जा देखी जा सकती है | ऐसा स्थान जहाँ बच्चे खेलते है वहाँ सदैव सकारात्मक उर्जा का वास रहता है |
घर में पूजा स्थल के आस-पास सकारात्मक उर्जा का वास रहता है यदि पूजा-स्थल पर नियमित रूप से धुप-दीप आदि होती है तो | साफ और स्वच्छ स्थान भी सकारात्मक उर्जा से समाहित रहता है |
नकारात्मक उर्जा कहाँ रहती है ? :
ऐसे स्थान जहाँ हमेशा गंदगी रहती हो, बदबू आती हो, वहाँ नकारात्मक उर्जा का वास हो सकता है | शमशान, कब्रिस्थान और मुर्दाघर पूरी तरह से नकारात्मक उर्जा से भरे रहते है | ऐसे स्थान पर नकारात्मक उर्जा इसलिए नहीं रहती कि वहाँ भूत-प्रेत आदि रहते है बल्कि यहाँ आने वाले लोग ही नकारात्मक सोच के साथ यहाँ नकारत्मक उर्जा को छोड़ जाते है |
नकारात्मक और सकारात्मक उर्जा/Positive Energy के विषय यह जानकारी आपको कैसी लगी आप हमें कोमेंट के माध्यम से अपने विचार शेयर कर सकते है |