भगवान श्री राम की स्तुति द्वारा उनकी आराधना इस प्रकार करें

By | July 30, 2020

भगवान श्री राम जिनका नाम तो स्वयं भगवान शिव को भी कर्णप्रिय है | उनकी आराधना करने वाले भक्त न केवल स्वभाव और आचरण से पवित्र बनते है बल्कि जीवन में हर कठिनाइयों से सामना करने में सक्षम भी बनते है | जिस जातक ने भगवान श्री राम के जीवन चत्रित को समझ लिया और अपना लिया वह अपनी अलग छवि के साथ ही जीवन निर्वाह करता है |

भगवान श्री राम की भक्ति के लिए तो उनका नाम स्मरण करना ही काफी है | इसके साथ ही जो भक्त हनुमान जी की भक्ति सच्चे मन से करते है भगवान श्री राम की कृपा उन पर स्वतः ही होने लगती है | आप नियमित पूजा में भगवान श्री राम के नाम के स्मरण द्वारा , उनकी स्तुति द्वारा , उनके मंत्र द्वारा, मानस पूजा द्वारा उनकी आराधना कर सकते है |

Shri Ram Stuti

shri ram stuti

भगवान श्री राम स्तुति

श्री राम – श्री राम – श्री राम – श्री राम 

श्री राम चंद्र कृपालु भजमन हरण भाव भय दारुणम् ।
नवकंज लोचन, कंज मुख, कर कंज, पद कन्जारुणम ॥

कंदर्प अगणित अमित छवी नव नील नीरज सुन्दरम ।
पट पीत मानहु तड़ित रुचि शुचि नौमी जनक सुतावरम् ॥

भजु दीनबंधु दिनेश दानव दैत्य वंश निकंदनम् ।
रघुनंद आनंदकंद कौशलचंद दशरथ नन्दनम ॥

सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारू उदारु अंग विभुषणं ।
आजानु भुज शर चाप धर संग्राम जित खर-धुषणं ॥

इति वदति तुलसीदास शंकर-शेष-मुनि-मन-रंजनम् ।
मम् हृदय कुंज निवास कुरु कामादी खल दल गंजनम् ॥

मनु जाहिं राचेऊ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर सांवरों ।
करुना निधान सुजान सिलु सनेहु जानत रावरो ॥

एही भांती गौरी असीस सुनि सिय सहित हिय हरषी अली ।
तुलसी भवानी पूजि पूनि पूनि मुदित मन मंदिर चली ॥

दोहा- जानि गौरी अनुकूल सिय हिय हरषु न जाइ कहि ।
मंजुल मंगल मूल बाम अंग फरकन लगे ॥

|| श्री राम – श्री राम – श्री राम – श्री राम ||

जो हनुमान जी के भक्त है और नियमित रूप से उनकी आराधना करते है उन्हें हनुमान जी की स्तुति के साथ-साथ भगवान श्री राम की स्तुति का गायन भी अवश्य करना चाहिए |

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