भारत देश जहाँ समय -समय पर मौसम बदलता रहता है | यहाँ सर्दी के दिन कम तो गर्मी के दिन अधिक होते है | इसलिए जरुरी है गर्मी में स्वयं को लू लगने से बचाने की | गर्मी का मौसम जिसे बहुत की कम लोग पसंद करते है या कहे कि अधिकतर लोग गर्मी को बेकार मौसम मानते है | वो इसलिए क्योंकि इस मौसम में आपका वजन घटता है, आप ठीक से भोजन नहीं खा पाते है, आपका पेट हमेशा भरा-भरा रहता है, थोडा सा भी उल्टा सीधा खाने पर पेट की समस्या होने लगती है | धुप- पसीना ये सभी आपको परेशान करते है |
गर्मी में पसीना अधिक आना, भूख कम लगना, थोड़ा शरीर का वजन कम होना, आलस आना ये सभी आम समस्याएं है किन्तु यदि आप शरीर से कमजोर है या आप इन समस्याओं से समन्वय स्थापित नहीं कर पा रहे है तो आपको आवश्यकता है गर्मी के दिनों में थोड़ा सा सतर्क रहने की, और अपने शरीर की देखभाल करने की | गर्मी के दिनों में आप थोड़ा सा अपने खान-पान और दिनचर्या में बदलाव करके गर्मी की इन समस्याओं से छुटकारा पा सकते है |
Garmi Se Kaise Bache :
गर्मी से बचने के उपाय :
गर्मी के दिनों में आपको भरपेट भोजन करने के बजाय आवश्यकता से कम खाना चाहिए | अधिक तैलीय भोजन और जंक फ़ूड गर्मी के दिनों में खाने से बचे | गर्मी के दिनों में दोपहर के समय घर से निकलने से बचे | यदि अधिक आवश्यकता है तो सिर पर तोलिया या छाता अवश्य लेकर चले | धुप में निकलते समय आँखों पर काला चश्मा अवश्य लगाये इससे आपको राहत भी मिलेगी और सिर दर्द होने की समस्या नहीं होगी | इसके अतिरिक्त आप ये उपाय भी अवश्य प्रयोग करें :
1. पेय पदार्थ : –
गर्मी के दिनों में अधिक भोजन खाने की अपेक्षा अधिक शीतल पेय पदार्थ पीने से अधिक राहत मिलती है | इससे आपका पेट भारी -भारी नहीं रहेगा | गर्मी के इन दिनों में आप : छाछ – लस्सी – बेलगिरी का रस – नारियल पानी – निम्बू शिकंजी – पपीता शेक – मिल्क शेक और हल्का ठंडा पानी | ये सभी आप अधिक से अधिक पीये | यदि संभव हो सके तो इन सभी पेय पदार्थों को आप अधिक ठंडा न पीये, सिर्फ इतना ठंडा पीये की आपको पीने में आनंद आये | अधिक ठंडा भी आपके पेट की समस्या का कारण बन सकता है |
2. ठंडी तासीर वाली वस्तु :
हमारे आयुर्वेद के अनुसार हर खाने-पीने की वस्तु की ठंडी या गर्म तासीर होती है | इनका पता लगाये और गर्मी के दिनों में अधिक से अधिक ठंडी तासीर वाले भोजन का ही प्रयोग करें | भोजन का गरम या ठंडा होने से उसकी तासीर का पता नहीं लगता है | जैसे कुछ लोग समझते है कि गरम चीज खाने से इसकी तासीर गरम होगी और ठंडी चीज खाने से इसकी तासीर ठंडी होगी, यह अवधारणा बिलकुल गलत है | कोल्ड्रिंक्स हम ठंडी पीते है किन्तु इसकी तासीर गर्म होती है | इसी प्रकार आइसक्रीम की तासीर भी गरम होती है किन्तु खाते समय यह बहुत ठंडी है | इसलिए आपको ठंडी तासीर वाले भोजन का पता लगाना होगा |
ठंडी तासीर वाले भोजन : केरी का पना, आंवला , कच्ची प्याज, छाछ, लस्सी, घाट की राबड़ी, बेल का रस, तरबूज, खरबूज , नारियल पानी, सत्तू , पुदीना | इनके अतिरिक्त आप गर्मियों के मौसम में : ककड़ी – खीरा – लौकी – टिंडा और कच्ची प्याज इनका सेवन अधिक करें |
3. गर्मी में आपके वस्त्र कैसे हो :
गर्मी में अधिक गहरे रंग के वस्त्र न पहने | फीके रंग के और हल्के वस्त्र गर्मी में पहनने चाहिए | यदि हो सके तो थोड़े पुराने हल्के रंग के वस्त्र गर्मी के लिए उपयुक्त है | गर्मी में ढीले वस्त्र पहनने चाहिए | टाइट फिटिंग के वस्त्र आपको परेशान कर सकते है और आपको इचिंग प्रॉब्लम हो सकती है |
4. दिन में 2 बार ग्लूकोस का सेवन करें :
ग्लूकोस का सेवन गर्मी में दिन में 2 बार अवश्य करना चाहिए | गर्मी में दिनों में ग्लूकोस आपके शरीर की एनर्जी को बनाये रखता है और शरीर में पानी की कमी नहीं होने देता |
5. गर्मी में पानी का सेवन :
यदि आप घर पर है तो अपनी इच्छानुसार पानी पी सकते है | किन्तु जब आप बाहर से घर आते है ऐसे में तुरंत पानी पीना नुकसानदेह हो सकता है | बाहर से घर आने पर या जब आपको पसीने आ रहे है तो पहले हवा में पसीने सुखाये और थोड़ा आराम करें उसके बाद ही पानी पीना चाहिये |
6. गर्मी में दोपहर 12:00 बजे से 05:00 के बीच का समय :
मई और जून ये दो महीने में गर्मी का भयंकर प्रकोप रहता है इसलिए इन दिनों में गर्मी से बचना है तो दोपहर 12:00 बजे से लेकर शाम 5:00 बजे के बीच घर के अन्दर रहें | अपने जरुरी कार्यों को दोपहर 12:00 बजे से पहले और शाम 5 : 00 बजे के बाद करने का प्रयास करें |
स्वयं को मजबूत बनाये | स्वयं के शरीर को स्वस्थ रखे और योग व व्यायाम नियमित रूप से करें | अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाकर आप गर्मी के प्रकोप बच भी सकते है और इसे सहन करने की शक्ति भी विकसित कर सकते है |