सूतशेखर रस के फायदे – घटक व उपयोग विधि

By | July 18, 2020

सूतशेखर रस एक विश्वशनीय आयुर्वेदिक दवा है | सूतशेखर रस का प्रयोग विभिन्न रोगों के उपचार में किया जाता है | कुछ रोगों के उपचार में इसे प्रमुख औषधि के रूप में तो कुछ रोगों में सहायक औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है | बाजार में सूत शेखर रस गोली के रूप में या चूर्ण के रूप में उपलब्ध है | बहुत सी आयुर्वेदिक फार्मेसी इस औषधि का निर्माण करती है | वैद्यनाथ द्वारा निर्मित सूत शेखर रस अधिक गुणवत्ता रखता है |

सूतशेखर रस के मुख्य घटक :

सूतशेखर रस को बहुत सी विभिन्न औषधियों को निश्चित अनुपात में मिलाकर तैयार किया जाता है | पारा धातु का प्रयोग इस औषधि में विशेष रूप से किया गया है | वैसे तो पारा धातु जिसे पारद भी कहते है एक विषाक्त धातु की श्रेणी में आता है किन्तु इसे अच्छे से शोधन करने के उपरांत ही प्रयोग में लाया जाता है | आइये जानते है सूत शेखर रस में किन-किन औषधियों का प्रयोग किया गया है :

सूतशेखर रस : मुख्य घटक : नागकेशर , धतुरा , अदरक, काली मिर्च , दाल चीनी , इलायची , पीपल , पारा , बिल्वपत्र , शंख भस्म , ताम्र भस्म , सुहागा , वत्सनाभ , गंधक |

सूतशेखर रस बाजार में दो तरह से उपलब्ध है : सूतशेखर रस प्लेन और सूतशेखर स्वर्ण युक्त | सूतशेखर रस स्वर्ण युक्त में स्वर्ण भस्म का प्रयोग किया गया है जिससे यह अधिक प्रभावी औषधि बनती है | पेट रोगों के साथ-साथ ह्रदय रोग और मष्तिष्क रोग में सूतशेखर रस स्वर्ण युक्त प्रयोग करने से लाभ मिलता है |

Sutshekhar Ras Ke Fadye

Sutshekhar Ras Ke Fadye / सूतशेखर रस के फायदे : –

विशेष रूप से इस औषधि का प्रयोग पित्त रोग व वात रोग दूर करने में किया जाता है | पेट में एसिड की अधिकता को दूर करने में सूतशेखर रस एक प्रभावी औषधि है |

  • शरीर में पित्त वृद्धि के कारण रक्त दूषित होने पर सूत शेखर रस उपयोगी है |
  • पेट में जलन , पेट में अधिक एसिडिटी रहना , अल्सर जैसे रोगों में सूतशेखर रस के प्रयोग से फायदा हता है |
  • राजयक्षमा और श्वांस रोग में इसके प्रयोग से लाभ मिलता है |
  • सूखी खांसी में इस औषधि को सहायक औषधि के रूप में प्रयोग किया जा सकता है |

सूत शेखर रस उपयोग विधि : –

सूत शेखर रस की 1 से 2 गोली रोग अनुसार सुबह-शाम दोनों समय शहद के साथ , गाय के घी के साथ , अनार के रस के साथ या पानी के सेवन की जा सकती है |

सूत शेखर रस पूर्ण रूप से एक आयुर्वेदिक औषधि है इसका प्रयोग आप किसी अच्छे वैद्य की देख-रेख में ही करें | स्वयं से इस औषधि का प्रयोग हानिकारक हो सकता है |